भाजपा व जदयू के बीच जुबानी जंग

बेतिया : शहर की मुख्य लाइफ लाइन छावनी ओवरब्रिज के निर्माण से पहले ही भाजपा व जदयू के बीच राजनीतिक तकरार काफी बढ़ गयी है. भाजपा के नेता ओवरब्रिज के निर्माण नहीं होने पर राज्य सरकार को घेर रहे हैं तो जदयू के नेता भाजपा के सांसद व विधायक को ही उदासीन बता रहे है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 20, 2015 2:18 AM
बेतिया : शहर की मुख्य लाइफ लाइन छावनी ओवरब्रिज के निर्माण से पहले ही भाजपा व जदयू के बीच राजनीतिक तकरार काफी बढ़ गयी है. भाजपा के नेता ओवरब्रिज के निर्माण नहीं होने पर राज्य सरकार को घेर रहे हैं तो जदयू के नेता भाजपा के सांसद व विधायक को ही उदासीन बता रहे है.
राजनीतिक बयानबाजी भले ही चरम पर है लेकिन आम जनता आज भी छावनी रेल गुमटी के जाम में पिस रही है. जनता नेताओं के बयान बाजी को राजनीतिक स्टंट बता रही है.
छावनी चौक : संडे हो या मंडे, जाम हर घंटे
छावनी चौक पर रेलवे गुमटी के चलते हर दिन घंटों जाम लगा रहता है. बड़ी वाहनों को इस जाम से निकलने में भी करीब दो-तीन घंटे लग जाते है. हर दिन की परेशानी को देखते हुए लोगों ने इस गुमटी पर ओवरब्रिज निर्माण की मांग दस साल पहले ही की थी. लेकिन केंद्र व राज्य सरकार के नेता बस अश्वासन व दिलासा ही दिलाते रह गये.
इधर कुछ दिनों से हर दल अपना मुद्दा छावनी ओवर ब्रिज निर्माण को ही बनता है. भाजपा, राजद, कांग्रेस, माले व जदयू समेत अन्य स्थानीय संगठन भी इस मुद्दा पर धरना व प्रदर्शन कर चुके है. परंतु आज तक निर्माण कार्य नहीं शुरू हो पाया है.
छह साल से क्या कर रहे थे सांसद : अनिल
जदयू के जिला संगठन प्रभारी अनिल झा ने कहा कि छावनी ओवर ब्रिज के निर्माण पर 6साल से स्थानीय सांसद डा. संजय जायसवाल क्या कर रहे थे. उस वक्त उन्हें जनता की परेशानी नहीं दिख रही थी.
आज राज्य सरकार पर एनओसी नहीं देने का आरोप लगा रहे है. जबकि एनओसी का कोई मामला ही नहीं है. राज्य सरकार ने स्पष्ट कर दिया हैं कि ओवर ब्रिज में क्या लागत आती हैं उसे बताया जाय. क्योंकि बैठक में तय हुआ हैं कि इस ओवरब्रिज के निर्माण पर राज्य सरकार व केंद्र सरकार दोनों 50-50 फीसदी राशि खर्च करेंगे.

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