अपशब्द बयान पर हंगामा

अविश्वास प्रस्ताव को लेकर पार्षदों के दो गुटों के बीच होती रही तनातनी बेतिया : नगर परिषद् कार्यालय सोमवार को कुरुक्षेत्र बनते-बनते बचा. पार्षद के बीच हुए अपशब्द बयानबाजी से सदन में हंगामा खड़ा हो गया. नप सभापति के मौजूदगी के पार्षद एक-दूसरे को देख लेने की धमकी देने लगे. माननीय लोगों के बीच ऐसी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 26, 2015 7:38 AM
अविश्वास प्रस्ताव को लेकर पार्षदों के दो गुटों के बीच होती रही तनातनी
बेतिया : नगर परिषद् कार्यालय सोमवार को कुरुक्षेत्र बनते-बनते बचा. पार्षद के बीच हुए अपशब्द बयानबाजी से सदन में हंगामा खड़ा हो गया. नप सभापति के मौजूदगी के पार्षद एक-दूसरे को देख लेने की धमकी देने लगे.
माननीय लोगों के बीच ऐसी बात होते देख कर्मचारी भी कार्यालय छोड़ बाहर निकल गये. मामला हाथा-पाई तक पहुंचती उससे पहले बुजुर्ग पार्षद गुस्साये पार्षदों को कार्यालय के नीचे बुला ले गये. जबकि नप सभापति जनक साह आधा दर्जन पार्षद व पार्षद पतियों के साथ बैठक करते रहे. उन्होंने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है.
विकास कार्यो की समीक्षा के लिए बैठक बुलायी गयी थी. इसमें सभी पार्षद उपस्थित थे. नप सभापति के साथ हंगामा के बाद बैठक में उपस्थित मिले पार्षदों में पार्षद पति विजय रंजन ठाकुर, सुशील गुप्ता, पार्षद साहेब मिया, पार्षद पति विनय बागी, पार्षद नेहाल अहमद, रईस लाल गुप्ता आदि उपस्थित थे.
पार्षद केशव के नग्न प्रदर्शन पर बिगड़ा माहौल
वार्ड नंबर 36 के पार्षद केशव राज उर्फ पप्पू सिंह ने नप में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए सदन में ही अपने शरीर से कपड़ा उतार दिये. इस पर नाजनीन चौक के एक पार्षद ने कहा कि आप क्यो प्रदर्शन कर रहे है आपके पास तो अपने बच्च को दूध पिलाने का पैसा नहीं था. आज की हालतदेखे. इतना सुनते ही सदन में बैठे अन्य पार्षद भी आपा खो बैठे और हंगामा करते हुए बैठक का बहिष्कार कर दिये.
ये पार्षद थे बागी तेवर में
पूर्व नप सभापति अनिश अख्तर, पूर्व उपसभापति आनंद सिंह, विनोद चौहान, राजेंद्र यादव, सूरजकांत मिश्र, दिनेश कुमार, मो. हसनैन, हरेंद्र प्रसाद, पार्षद पुत्र आलमगीर अशरफ, उप सभापति पुत्र मो. एनाम, पार्षद पति रामाकांत महतो समेत कई लोग शामिल थे.
पार्षद पुत्र व पतियों पर नहीं लगी रोक
अनौपचारिक बैठक में भी पार्षद की जगह उनके प्रतिनिधि के रूप में पार्षद पति व पुत्र ही दिखे.जबकि डीएम लोकेश कुमार सिंह ने स्पष्ट रूप से निर्देश दिया था कि कोई भी जनप्रतिनिधि के पति या पुत्र उनके प्रतिनिधि के रूप में सरकारी बैठक में उपस्थित नहीं होगे. डीएम के इस निर्देश की भी धज्जियां नप कार्यालय में उड़ती हुई नजर आयी.
अविश्वास का असर तो नहीं यह हंगामा
अनौपचारिक बैठक का बहिष्कार भी उन्हीं पार्षदों ने किया जो लोग अविश्वास की तैयारी में है. ऐसा बहिष्कार किये हुए पार्षदों ने ही बताया. पार्षद हरेंद्र प्रसाद ने बताया कि बैठक में बुला कर नप सभापति डरा धमका रहे थे.
इसी बात पर भी हंगामा भी खड़ा हुआ है. जबकि नप सभापति ने इन बातों से साफ इनकार किया है. जानकारी के अनुसार, नप में सभापति पर अविश्वास की भी तैयारी चल रही है. करीब 18 पार्षदों ने इस पर हस्ताक्षर भी कर दिये है. सूत्रों के अनुसार, इसकी सूचना से घबड़ाये सभापति ने आनन-फानन में अनौपचारिक बैठक बुलायी और पार्षदों को अपने समर्थन में लेना चाहा. लेकिन उनके ही गुट के एक पार्षद के गलत बयानबाजी से सारा माहौल ही खराब हो गया.

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