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अनुदान की उम्मीद

बेतिया: किसान अब थोड़ी राहत की सांस ले सकेंगे, क्योंकि सरकार ने राज्य के सभी जिलों में बारिश की स्थिति को देखते हुए 33 जिलों को सूखाग्रस्त घोषित कर दिया है. इसमें पश्चिम चंपारण भी शामिल है. सिंचाई के अभाव में धान के सूखते फसल को देख मायूस किसानों के चेहरे पर इससे मुस्कान जरूर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 19, 2013 12:03 AM

बेतिया: किसान अब थोड़ी राहत की सांस ले सकेंगे, क्योंकि सरकार ने राज्य के सभी जिलों में बारिश की स्थिति को देखते हुए 33 जिलों को सूखाग्रस्त घोषित कर दिया है. इसमें पश्चिम चंपारण भी शामिल है.

सिंचाई के अभाव में धान के सूखते फसल को देख मायूस किसानों के चेहरे पर इससे मुस्कान जरूर लौटने की उम्मीद है. एक माह से प्रखंड कार्यालयों में पड़े डीजल अनुदान के भी बंटने की उम्मीद जगी है. बारिश के अभाव में धान की फसल बरबाद हो रही थी. किसान दिन-रात फसल को किसी तरह से बचाने में जुटे हुए थे. पंपसेट व नहरों से पटवन किये जा रहे थे. फिर भी फसलों में जान नहीं लौट रही थी. किसान मौसम के मार से परेशान थे. जिला के धान उत्पादन पर भी इसका सीधा असर दिखेगा. कृषि विभाग के कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार 1.50 लाख हेक्टेयर भूमि में धान की फसल लगायी गयी है. इसमें श्रीविधि से 32.5 हजार हेक्टेयर भूमि पर खेती की गयी है.

प्रदर्शनों पर लगेगा विराम

मौसम की मार ङोल रहे किसानों ने राहत के लिए राज्य सरकार के खिलाफ मोरचा खोल दिया था.

जिला मुख्यालय से लेकर प्रखंड कार्यालय तक धरना व प्रदर्शन किये जा रहे थे. डीजल अनुदान के रोक पर किसान ज्यादा उग्र थे.क्योंकि उन्हें डीजल खरीदारी के लिए मोटी कीमत अदा करनी पड़ती थी. माले,भाकपा, माकपा व किसान यूनियन विभिन्न संगठनों के द्वारा आंदोलन किया गया है.इस घोषणा से इस आंदोलन पर विराम लगने की संभावनाएं लगायी जा रही है.

सितंबर ने सताया

बरसात के लिए माह अगस्त काफी मस्त रहा. लेकिन सितंबर माह ने किसानों को खूब सताया. अगर कृषि विभाग के आकड़ों पर गौर करें तो स्थिति स्पष्ट हो जायेगी. धान की फसल के लिए इस जिला में जून से अगस्त माह तक काफी बेहतर था. परंतु सितंबर आते-आते किसानों की परेशानी बढ़ने लगी. क्योंकि जो वर्षापात था, वह घटने लगा. किसानों की माथे पर चिंता की लकीर दिखने लगी. जून में 181.76 एम एम, जुलाई माह में 232.87 एमएम व अगस्त में 193.46 एमएम वर्षापात हुई थी. लेकिन वह सितंबर में घटकर 83.76 एमएम ही बारिश हुई.जबकि इस माह में सामान्य वर्षापात 259.5 एमएम है.कृषि कार्यालय के नवीन कुमार सहाय ने बताया कि सामान्य वर्षापात के 50 प्रतिशत भी बारिश हो जाती है तो उस समय फसल के अच्छा होने का अनुमान लगाया जा सकता है.

हुई बारिश

जून: 181.76 एमएम

जुलाई: 232.87 एमएम

अगस्त: 193.46 एमएम

सितंबर: 83.34 एमएम

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