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हत्यारोपित हैं अधिवक्ता व पुत्र

बेतियाः बानुछापर की घनी आबादी व ऊंची चहारदीवारी के बीच स्थित अधिवक्ता का मकान व उसके समीप बने आउट हाउस के एक कमरे में सरकारी बॉडीगार्ड की गोली मार कर हत्या करना वाकई काफी रहस्यमय है. आश्चर्यजनक तो यह कि चहारदीवारी के बाहर के लोगों ने गुरुवार की मध्य रात्रि धम-धम की आवाज सुनी थी. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 21, 2013 3:23 AM

बेतियाः बानुछापर की घनी आबादी व ऊंची चहारदीवारी के बीच स्थित अधिवक्ता का मकान व उसके समीप बने आउट हाउस के एक कमरे में सरकारी बॉडीगार्ड की गोली मार कर हत्या करना वाकई काफी रहस्यमय है. आश्चर्यजनक तो यह कि चहारदीवारी के बाहर के लोगों ने गुरुवार की मध्य रात्रि धम-धम की आवाज सुनी थी. लेकिन चहारदीवारी के अंदर अधिवक्ता व उनके परिजन इन आवाजों से अनभिज्ञ रहे. हालांकि पुलिस इन सभी बिंदुओं पर गहनता से जांच कर रही है.

गार्ड वापस करने की मांग

गार्ड की हत्या के बाद बिहार पुलिस मेंस एसोसिएशन जिला इकाई बेतिया के अध्यक्ष बृजेश कुमार पांडेय ने जिले के रसूखदारों सहित दागी लोगों को उपलब्ध कराये गये बॉडीगार्ड को वापस करने की मांग एसपी से की है. एसपी सुनील नायक मेघावत ने संघ नेताओं को आश्वासन दिया है कि इसकी समीक्षा के बाद सभी गार्डो को वापस करने की प्रक्रिया की जायेगी.

हत्यारोपित हैं अधिवक्ता

करीब छह माह पूर्व बानुछापर में रैंक प्वाईंट के विवाद को लेकर मजदूरों के मेठ पंकज झा एवं सुजीत कुमार शर्मा की हत्या हुई थी. इस मामले में शातिर सन्नी मिश्र व उसके पिता अधिवक्ता विश्वमोहन मिश्र सहित आधा दर्जन लोगों को आरोपित किया गया था. इस मामले में घटना के दिन पुलिस ने अधिवक्ता को गिरफ्तार कर जेल भी भेज दिया था. बावजूद उनको गार्ड मुहैया कराना जांच का विषय है.

अनुकंपा पर हुई नौकरी

गया जिला के कोच थाना के गुरारू सोनडीहर निवासी रजनीश कुमार के पिता सुमेर शरण भी पुलिस की नौकरी में कार्यरत थे. वे 2000 के दशक में बेतिया से स्थानांतरित होकर मोतिहारी गये थे. जानकारी के अनुसार एक दुर्घटना में उनकी मौत के बाद रजनीश को बिहार पुलिस की नौकरी मिली. मोतिहारी में योगदान के बाद रजनीश का स्थानांतरण बेतिया पुलिस जिला में हुआ था. आस-पड़ोस के सूत्रों पर यकीन करें तो गुरूवार की रात अधिवक्ता विश्वमोहन मिश्र का बॉडीगार्ड रजनीश रात्रि 11.30 तक चहारदीवारी के अंदर टहलते देखा गया था. इसके बाद वह अपने कमरे में सोने चला गया था.

24 वर्ष की उम्र में ही बेवा

रजनीश की मौत के बाद उसकी पत्नी प्रियंका 24 वर्ष में ही बेवा हो गयी. जानकारी के अनुसार करीब चार वर्ष पूर्व रजनीश की शादी प्रियंका के साथ हुई थी. जिसके बाद दोनों से एक तीन वर्ष का पुत्र रितिक राज है. इस घटना ने रितिक के सिर से पिता का साया छीन लिया है. जानकार के अनुसार, प्रियंका दुबारा गर्भवती है.

लगती थी चौकड़ी

जानकारों व विश्वस्त सूत्रों की माने तो अधिवक्ता के घर में कार्यरत चार-पांच नौकरों के साथ प्रतिदिन आउट हाउस में चौकड़ी लगती थी. जिसमें अधिवक्ता का बॉडीगार्ड भी शामिल रहता था. वैसे पुलिस ने उन सभी लोगों को हिरासत में ले लिया है. पूछताछ जारी है.

हुई बकझक

अधिवक्ता विश्वमोहन मिश्र के निवास पर किसी असंसदीय बात को लेकर एक अधिवक्ता व पुलिस जवानों में बकझक हो गयी. गार्ड की हत्या के बाद पुलिस जवान आक्रोशित हो गये थे. मामला लपड़-धप्पड़ तक पहुंचता, इससे पूर्व ही अधिकारियों के बीच-बचाव से मामला शांत करा दिया गया.

घर आया था सन्नी

जानकार सूत्रों पर यकीन करें तो जेल से बेल पर रिहा होने के बाद कुछ दिन पूर्व सन्नी अपने घर पर आया हुआ था. इस बीच वह अपने कुछ सहयोगियों से भी मिला था. पुलिस सूत्रों ने आशंका व्यक्त किया है कि इस घटना में सन्नी का हाथ हो सकता है.

घटनास्थल से मिले साक्ष्य

घटनास्थल पर पहुंची पुलिस को घटना स्थल से कुछ साक्ष्य मिले हैं. वहीं मृतक के कमरे के दरवाजे के समीप चहारदीवारी से सटा एक टेबल भी रखा हुआ मिला है. जिससे आशंका जतायी जा रही है कि गोली मारने के बाद अपराधी टेबल के सहारे चहारदीवारी फांद कर बाहर गया है. वहीं चहारदीवारी के बाहर भी सोलर लाइट के खंभे के समीप भी दीवार पर निशान मिले हैं. वहीं कमरे में कई निशान पाये गये हैं. जिससे इस बात की आशंका प्रबल हो गयी है कि गार्ड को मारने वाला अपराधी बाहर से ही अंदर आकर गोली मार कर फिर बाहर निकल गया है.

पिस्टल का खोखा बरामद

पुलिस ने घटना स्थल से 7.65 एमएम का एक खोखा बरामद किया है. वहीं रजनीश का सर्विस रिवाल्वर व अन्य सामान घटना स्थल के समीप सही सलामत हालत में पाया गया है. बरामद समानों में रिवाल्वर की एक गोली कम बतायी जा रही है. लेकिन इसकी अधिकारी पुष्टि नहीं हो रही है. इधर, पोस्टमार्टम के दौरान चिकित्सकों ने गार्ड के आंख के नीचे फंसी गोली को बाहर निकाल दिया है.

गांव भेजा गया शव

पोस्टमार्टम के बाद रजनीश के शव को पुलिस जवान सिपाही के पैतृक गांव गया जिला के कोच थाना के गुरारू सोनडीहर के लिये लेकर रवाना हो गये हैं. इसकी पुष्टि बिहार पुलिस मेंस एसोसिएशन बेतिया के अध्यक्ष ब्रजेश कुमार पांडेय ने की है.

किसी से नहीं था विवाद

मोतिहारी से बेतिया स्थानांतरित होकर आये जवान रजनीश कुमार का किसी के साथ कोई विवाद नहीं था. पुलिस जवानों के अनुसार रजनीश काफी सीदा सादा व विनम्र युवक था. वह हमेशा अपने अधिकारियों व सहयोगियों का आदर करता था.

पहुंची एफएसएल की टीम

शुक्रवार की शाम एफएसएल की टीम बेतिया पहुंची. टीम ने घटना स्थल से जमीन पर गिरे खून सहित कई सेंपल उठाये. टीम ने जल्द ही मामले का खुलासा करने का दावा किया.

गिरफ्तारी पर अड़े जवान

गार्ड की हत्या के बाद घटनास्थल पर पहुंचे जवान शव को देख आक्रोशित हो गये. इसके बाद आक्रोशित पुलिस जवानों ने पुलिस अधिकारियों से अधिवक्ता विश्वमोहन मिश्र की गिरफ्तारी की मांग करते रहे. उनका आरोप था कि गार्ड को अधिवक्ता ने ही गोली मारी या मरवाई है. बाद में मुख्यालय डीएसपी नागेंद्र कुमार सिंह ने जवानों को समझा बुझा कर मामला शांत कराया.

पुलिस कर रही कैंप

गार्ड के शव के जाने के बाद भी कई थानों की पुलिस व अधिकारी घटना स्थल पर कैंप किये रहे. सभी अधिकारी एफएसएल की टीम के आने का इंतजार कर रहे थे. घटनास्थल पर कैंप करने वाले अधिकारियों में नौतन थानाध्यक्ष मनोज मोहन, मुफस्सिल थाना के एसआई नरेंद्र कुमार, नगर थाना के कई अधिकारी शामिल थे.

बख्शे नहीं जायेंगे दोषी

गार्ड की हत्या के बाद पुलिस सन्नी से जुड़े सभी मामलों को खंगालने में जुट गयी है. जेल से लेकर सन्नी द्वारा किये गये सभी अपराधों के तथ्यों को खंगालने में पुलिस लगी हुई है. वहीं गार्ड से मेल जोल रखने वाले लोगों पर भी पुलिस की कड़ी नजर है. इस मामले में 20 मार्च को हुए दोहरे हत्या कांड के तथ्यों से भी जोड़कर अनुसंधान कर रही है. इस संबंध में पुलिस अधीक्षक सुनील नायक मेघावत ने बताया कि इस मामले में छह लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ किया जा रहा है. एफएसएल की टीम बेतिया पहुंच रही है. उन्होंने बताया कि जल्द ही मामले का खुलासा कर लिया जायेगा. एसपी ने बताया कि दोषी चाहे जो भी हो उसे बख्शा नहीं जायेगा.

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