गरमी संग बढ़े मरीज बरतिये सावधानी

बेतिया : गर्मी अपनी चरम सीमा पर है. धुप लोगों के बर्दाश्त से बाहर है. इसे घर से बाहर निकलते समय आपको सावधान रहना होगा. अन्यथा आप निजर्लीकरण, उायरिया और डिहाड्रेशन जैसी बीमारी की चपेट में आ सकते है. थोड़ी सी सावधानी रख आप गर्मी में उत्पन्न होने वाले इन तमाम रोगों से बच सकते […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 8, 2015 7:30 AM
बेतिया : गर्मी अपनी चरम सीमा पर है. धुप लोगों के बर्दाश्त से बाहर है. इसे घर से बाहर निकलते समय आपको सावधान रहना होगा. अन्यथा आप निजर्लीकरण, उायरिया और डिहाड्रेशन जैसी बीमारी की चपेट में आ सकते है. थोड़ी सी सावधानी रख आप गर्मी में उत्पन्न होने वाले इन तमाम रोगों से बच सकते हैं.
इस लिए घर से निकलते समय जितना ज्यादा हो सके पानी पीते रहे. कारण शरीर से ज्यादा पसीना निकलने लगता है. इस पसीना में शरीर से एलेक्ट्रोलाइस पानी रुप में शरीर से बाहर निकल जाता है. इस वजह से लोगों का डिहाड्रेशन की बीमारी हो सकती है. या वे डायरिया की चपेट में आ जाते है. यादि समय रहते बीमारी पर काबू नहीं पाया गया तो यह घातक हो सकता है. मुख्य रूप से डायरिया , निजर्लीकरण, डिहाड्रेशन, मैस्ट्रोएन, टेरिटिस बीमारी होने का खतरा ज्यादा रहता है.
क्या है निजर्लीकरण
निजर्लीकरण, डायरिया और डिहाड्रेशन एक घातक बीमारी है. यह गर्मियों में ज्यादा लोगों को अपने चपेट में लेता है. चिकित्सक डा. के जमा बताते है कि इस बीमारी के होने पर शरीर का पानी निकल जाता है. तथा शरीर में एलेक्ट्रोलाइस की कमी हो जाती है. जिसके कारण मरीजों को कै-दस्त डिहाड्रेशन होने लगता है. इस कारण मरीजों का शरीर ठंडा होने लगता है.बेचैनी बढ़ जाती है. शरीर से पसीना ज्यादा निकलने लगता है तथा आंख धंसने लगता है.
तो नहीं होंगे बीमार
फिजिशियन डॉ. सन्नी कुमार कहते है कि डायरिया, डिहाड्रेशन, निजर्लीकरण जैसे बीमारी होने पर तुरंत घर एक ग्लास चानी के घोल एक चुटकी नमक मिलाकर तत्काल ले. ओआरएस घोल का सेवन भी करे. ज्यादा होने पर तत्काल चिकित्सक से संपर्क करें.
मौसमी बीमारियों से निपटने के लिए अस्पताल में पूरी व्यवस्था की गई है. इस बीमारी के प्रति सभी चिकित्सकों को हमेशा अलर्ट रहने का निर्देश दिया गया है.
डॉ. गोपाल कृष्ण, सीएस

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