बेतिया: नगर के बंगाली कॉलोनी में 40 वर्षो से दुर्गा पूजा हो रही है. प्रतिवर्ष यहां भव्य पंडाल व मूर्ति बनती है. पूजा समिति के इतिहास के बारे में बताया गया कि बंगाली शरणार्थियों द्वारा छोटे पैमाने पर मूर्ति बना कर दुर्गा पूजा शुरू किया गया. बंगाली समुदाय की संख्या बढ़ने के साथ इस पूजा का भी स्वरूप बड़ा होने लगा. अब तो पूजा स्थल पर स्थायी मंडप बन गया है. इसमें ही मां की प्रतिमा बनती है. पूजा की शुरुआत में प्रमोद पोद्दार, चिंता गोलदार, प्रदीप भट्टाचार्य, सपन दास व विश्वनाथ साहा शामिल थे. हालांकि अब पूजा नवयुवक कल्याण समिति द्वारा करायी जाती है. खासकर इस पूजा में बंगाली संस्कृति का जोर रहता है, जो लोगों को विशेष आकर्षित करता है.
भव्य होगी मां की प्रतिमा
बंगाली कॉलोनी के पंडाल में इस बार बनारस के मंदिर की झलक दिखायी देगी. इसकी तैयारी में कारीगर जुटे हैं. मूर्ति की पेंटिंग के लिए बाहर से कलाकार बुलाये गये हैं. मूर्ति का निर्माण मुजफ्फरपुर के मूर्तिकारों द्वारा किया जा रहा है.
थर्मोकोल की चलंत मूर्ति
बंगाली कॉलोनी पूजा समिति के सदस्यों ने बताया कि उनकी प्रथा है कि जिस मूर्ति को स्थापित किया जाता है, उसमें किसी प्रकार का मूविंग सिस्टम नहीं लगाया जाता है. लेकिन भक्तों के मनोरंजन के लिए थर्मोकोल से बनी मां दुर्गा व राक्षस के बीच युद्ध का चलंत नजारा दिखाया जाएगा. जो मां के पट खुलने के दिन से शुरू होगा.
खप्पड़ में दीप जला आरती
नव युवक पूजा समिति के सचिव शंभु वर्मन ने बताया कि बंगाली समुदाय की आरती का चर्चा पूरे शहर में रहती है. खपड़ में दीप जला कर मां की आरती बंगाली कलाकारों द्वारा किया जाता है. इसके लिए खासकर बाहर से भी कलाकार बुलाये जाते हैं.
लगेगा सीसीटीवी कैमरा
नवयुवक पूजा समिति में लगभग 12 सदस्य हैं. इसके अध्यक्ष अजय सरकार, सचिव शंभु वर्मन, सदस्य में अंचिता गोलदार, समीर वर्मन, समेन सरकार, बिल्लू कुमार, राधाकांत, वरुण दा व पंकज झा आदि हैं. सचिव शंभु वर्मन ने बताया कि पंडाल में किसी भी प्रकार का भक्तों को मां के दर्शन मे कष्ट नहीं हो. इसकी तैयारी में पूरा समिति सदस्य लगे हुए हैं. शरारती तत्वों पर रोक लगाने के लिए पूजा पंडाल में सीसीटीवी कैमरा लगाने की भी योजना चल रही है.