मछुआरा आयोग के सदस्य समेत नौ को उम्रकैद

बगहा (प. चंपारण) : भूमि विवाद में किसान की हत्या के मामले में बिहार राज्य मछुआरा आयोग के सदस्य समेत नौ लोगों को उम्रकैद की सजा सुनायी गयी है. सजा मंगलवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम (तदर्थ) हनुमान प्रसाद तिवारी की कोर्ट ने सुनायी. दोषियों पर 20-20 हजार का जुर्माना भी लगाया गया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 17, 2015 7:25 AM
बगहा (प. चंपारण) : भूमि विवाद में किसान की हत्या के मामले में बिहार राज्य मछुआरा आयोग के सदस्य समेत नौ लोगों को उम्रकैद की सजा सुनायी गयी है. सजा मंगलवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम (तदर्थ) हनुमान प्रसाद तिवारी की कोर्ट ने सुनायी.
दोषियों पर 20-20 हजार का जुर्माना भी लगाया गया है. जुर्माना नहीं भरने पर छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी. किसान हत्याकांड में 12 साल बाद आनेवाले फैसले को लेकर सुबह से ही कोर्ट परिसर में गहमा-गहमी थी.
बड़ी संख्या में लोग कोर्ट पहुंचे थे. इनमें सुरेश चौधरी के समर्थक भी शामिल थे.
इस मामले में दोषी करार दिये जाने के बाद सभी नौ लोगों को 12 जून को ही न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था.
अपर लोक अभियोजक मो इब्राहिम अंसारी ने बताया कि लौकरिया थाना के जमुनापुर धिरौली गांव के शंकर चौधरी की हत्या हुई थी. हत्या 27 जून 2003 को हुई थी. शंकर की पत्नी रुना देवी के आवेदन पर लौकरिया थाने में कांड संख्या 24 /2003 दर्ज किया गया था.
हत्या से पहले शंकर को बेरहमी से लाठी-डंडों से पीटा गया था. इसके बाद भाला-बरछा से भी वार किया था. उसके दोनों पैर तोड़ दिये थे. गंभीर रूप में घायल अवस्था में उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गयी. मामले में अदालत में नौ साक्षियों की गवाही हुई है.
खेत में हुई थी हत्या
शंकर की बेटी बबीता ने बताया जून का महीना था. खेत में धान का बिचड़ा गिरा हुआ था. किसी ने बताया कि कुछ अज्ञात लोग आये हैं और धान का बिचड़ा उखाड़ कर फेंक रहे हैं. सूचना मिलने में उनके पिता खेत में गये, तो वहां पहले से मौजूद आरोपितों ने जान मारने की नीयत से बेरहमी के साथ उनके साथ मारपीट की, जिस वजह से उनकी मौत हो गयी.
इन्हें मिली सजा
सुरेश चौधरी, विश्वनाथ चौधरी, सुरेश चौधरी, कपिलदेव चौधरी, साधु चौधरी, लाला चौधरी, सकलदेव चौधरी, ध्रुव चौधरी एवं पारस चौधरी.

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