भगवान भरोसे शिक्षा व्यवस्था
कहीं शिक्षक रहे नदारद तो कहीं चावल में मिला कीड़ा बेतिया : जिले की शिक्षा व्यवस्था किस कदर बेपटरी हो चुकी है. इसका नजारा गुरुवार को औचक निरीक्षण को निकले जिला शिक्षा पदाधिकारी गोरख प्रसाद ने खुद अपनी आंखों से देखा. जिला शिक्षा अधिकारियों की सुस्ती का आलम यह है कि न शिक्षक समय से […]
कहीं शिक्षक रहे नदारद तो कहीं चावल में मिला कीड़ा
बेतिया : जिले की शिक्षा व्यवस्था किस कदर बेपटरी हो चुकी है. इसका नजारा गुरुवार को औचक निरीक्षण को निकले जिला शिक्षा पदाधिकारी गोरख प्रसाद ने खुद अपनी आंखों से देखा. जिला शिक्षा अधिकारियों की सुस्ती का आलम यह है कि न शिक्षक समय से विद्यालय जा रहे है और न अवकाश के लिए किसी के परमिशन की जरूरत महसूस करते है.
अब तक हजारों छात्र किताबों से वंचित है. मिड डे मिल की स्थिति भी काफी भयावह है. कहीं महीनों से एमडीएम बंद पड़ा है तो कहीं चावल से कीड़े निकल रहे हैं. सरकार की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नीति की कौन कहे जिले के छात्रों को साधारण शिक्षा भी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है. गुरुवार को औचक निरीक्षण को निकले डीईओ ने आठ विद्यालयों की जांच की.
इनमें एक-दो को छोड़ अधिकांश की स्थिति चौंकाने वाली मिली. सुबह के 6.45 बजे डीईओ श्री प्रसाद नगर के आइटीआइ कॉलोनी स्थित म.वि. धांगड़ टोली पहुंचे. उस समय यहां कार्यरत कुल 12 शिक्षकों में 8 नदारद थे. जांच के दौरान ही विद्यालय की प्रधानाध्यापिका शशिबाला व अर्चना पहुंची. परिसर में गंदगी का अंबार लगा था और सुअर अटखेलियां कर रहे थे. जांच के दौरान प्रधानाध्यापिका द्वारा एक भी अभिलेख प्रस्तुत नहीं किया जा सका. इसके लिए डीइओ ने उनसे स्पष्टीकरण तलब किया. साथ ही अनुपस्थित शिक्षकों से भी कारण पृच्छा किया.
7.20 बजे श्रीनगर बुनियादी विद्यालय में पठन-पाठन शुरू नहीं हो सका था. वहीं शौचालय निर्माण का कार्य भी अभी प्रारंभ नहीं किया गया था. विद्यालय के तीन शिक्षक विलंब से पहुंचे इसके लिए एचएम व उनसे कारणपृच्छा की गई. बुनियादी विद्यालय जोकहां में चेतना सत्र काफी विलंब से शुरू हुआ था. एक शिक्षिका इंदू मिश्र अनपुस्थित थी. वहीं चावल के आभाव में 21 अप्रैल से ही एमडीएम बंद पाया. 2008-09 का भवन निर्माण अब तक अधूरा था.
इसके लिए एचएम व गायब शिक्षिका से कारण पृच्छा की गयी. बुनियादी विद्यालय शेख धुरवा में स्थिति संतोष प्रद मिली. बुनियादी विद्यालय विष्णुपुर वृत के एचएम भूषण मिश्र नदारद थे. ग्रामीणों ने बताया कि वे कभी-कभार ही नजर आते है.
प्रभारी एचएम अरमानुल्लाह कोई भी अभिलेख नहीं दिखा पाये. कुल नामांकित बच्चों में मात्र 20 प्रतिशत बच्चे ही उपस्थित मिले. डीईओ ने एचएम व प्रभारी एचएम का वेतन बंद करते ही स्पष्टीकरण की मांग की. यहां एमडीएम का चावल खाने योग्य नहीं था. उसमें पिलु भरे पड़े थे. उत्क्रमित म.वि. उग्रसेन टोला में स्थिति तो संतोषजनक थी. किंतु एमडीएम का चावल खाने योग्य नहीं था. इसके लिए डीईओ ने जिला एमडीएम प्रभारी को चावल बदलने का निर्देश दिया. बुनियादी विद्यालय मठिया बकुलिया में स्थिति काफी खराब मिली.
गंदगी के साथ भवन भी जीर्णर्शीण मिला. इसके लिए डीईओ ने स्पष्टीकरण तलब किया. वहीं राजकीय उच्च विद्यालय कुमारबाग की स्थिति अपेक्षाकृत ठीक मिली. ज्ञात हो कि तीन दिनों पूर्व भी डीईओ ने चार विद्यालयों की जांच की थी. जिसमें भारी अनियमितता उजागर हुई थी.