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हर काम के लिए तय है राशि

बेतियाः जिला परिवहन कार्यालय वर्षो से बिचौलियों व अनधिकृत रुप से काम करने वालों के चंगुल में है. यहां कर्मियों की कम बिचौलियों की अधिक चलती है. वे ही कार्यालय के काम की रूपरेखा तैयार करते हैं. कहा तो यहां तक जाता है कि बड़े हाकिमों तक इनकी जबरदस्त पकड़ है. इनकी कृपा से ही […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 2, 2013 4:40 AM

बेतियाः जिला परिवहन कार्यालय वर्षो से बिचौलियों व अनधिकृत रुप से काम करने वालों के चंगुल में है. यहां कर्मियों की कम बिचौलियों की अधिक चलती है. वे ही कार्यालय के काम की रूपरेखा तैयार करते हैं.

कहा तो यहां तक जाता है कि बड़े हाकिमों तक इनकी जबरदस्त पकड़ है. इनकी कृपा से ही कार्यालय कर्मी को फाइल मिलती है. जिसका संबंध इनसे अच्छा होता है, उसे ही अच्छी फाइल नसीब होती है. कार्यालय पर बिचौलियों की पकड़ तत्कालीन डीटीओ विजय प्रभात के समय से बढ़ी. उनके समय शुरू बिचौलिया प्रथा की परंपरा आज भी कायम है.

सूत्रों की माने तो तत्कालीन डीटीओ श्री प्रभात के समय अनधिकृत रूप से वहां काम करने वालों ने कार्यालय कर्मियों की शिकायत उनसे की थी. उनकी शिकायत पर डीटीओ ने कार्यालय कर्मियों की फाइल छीन ली थी. इससे आजिज कार्यालय कर्मियों ने इसकी शिकायत कमिश्नर से की थी. मामले की जांच हुई. मामला सही मिलने पर कुछ दिनों के लिए बिचौलियों के कार्यालय में आने पर पाबंदी लगा दी गयी. उसी दौरान कार्यालय का एक चतुर्थ वर्गीय कर्मी इंदु प्रकाश भी खूब चर्चा में रहा. उसने खुद को डीटीओ बता कर एनएच पर अवैध वसूली करने का धंधा शुरू किया था. पुलिस को जब इसकी भनक लगी तो उसे गिरफ्तार किया गया था. उस समय भी कार्यालय सुर्खियों में रहा. लेकिन समय बीतने के साथ ही बिचौलिये पुन: कार्यालय पर हावी हो गये. अब स्थिति ऐसी है कि इनके बिना कार्यालय का काम नहीं चलता. इन्हें कार्यालय के फाइलों की जितनी जानकारी है, उतनी शायद कार्यालय कर्मियों को भी नहीं. इससे उनकी मनमानी भी बढ़ गयी है. कार्यालय में काम कराने दूर-दराज से आये लोग अनायास इनके चंगुल में फस जाते हैं. वे उनको कार्यालय कर्मी समझ उन्हें अपना काम देते हैं. कार्यालय में प्रत्येक काम के लिए अलग-अलग रेट फिक्स है. ड्राइविंग लाइसेंस से लेकर रजिस्ट्रेशन तक के लिए रेट तय है. परमानेंट लाइसेंस के लिए 200-250 रुपये, रजिस्ट्रेशन के लिए 300-500 रुपये, लाइसेंस नवीकरण के लिए 100-200 रुपये, ट्रांसफर के लिए 100 रुपये कार्यालय में लिए जाते हैं. कार्यालय के बाहर तो बिचौलियों की चांदी कटती है. वहां तो कोई रेट नहीं है जितने में ग्राहक पटा उतनी रकम उससे ली जाती है.

इस संबंध में डीटीओ विनय कुमार ठाकुर ने बताया कि उनके कार्यालय में एक भी अनधिकृत कर्मी नहीं है. जहां तक रुपयों की उगाही का सवाल है, ऐसा एक भी मामला उनके पास नहीं आया है. उन्होंने बताया कि रुपया उगाही के संबंध में कोई लिखित शिकायत आती है तो उसकी जांच कर कार्रवाई की जायेगी.

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