डीलरों के खिलाफ जनता दरबार पहुंचे ग्रामीण
बेतिया: डीएम के जनता दरबार में डीलरों की मनमानी का मामला छाया रहा. गुरुवार को कलेक्ट्रेट में बगही बघम्बरपुर के सैकड़ों ग्रामीणों ने डीएम को आवेदन दिया. ग्रामीणों का आरोप था कि उनके राशन दुकानदार सबिना खातून है. जिनके पुत्र ही दुकान का संचालन करते है. इधर मार्च माह से राशन नहीं दे रहे है. […]
बेतिया: डीएम के जनता दरबार में डीलरों की मनमानी का मामला छाया रहा. गुरुवार को कलेक्ट्रेट में बगही बघम्बरपुर के सैकड़ों ग्रामीणों ने डीएम को आवेदन दिया. ग्रामीणों का आरोप था कि उनके राशन दुकानदार सबिना खातून है. जिनके पुत्र ही दुकान का संचालन करते है.
इधर मार्च माह से राशन नहीं दे रहे है. पूछने पर कहते है कि नेपाल में आये भूकंप में राशन चला गया है.
इस लिए पिछले माह का राशन नहीं मिलेगा. वही इसी गांव के दूसरे राशन दुकानदार बाबूद्दीन मियां पर ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि राशन दिये बिना ही कई कार्डधारियों के कार्ड पर चढ़ा दिये है. पूछने पर गाली-गलौज करने लगते है. आवेदन देने में एजाज अंसारी, शंभु चौधरी, किशोरी चौधरी, अशोक पासवान, जगबहादुर पासवान, राजेश महतो, रामअयोध्या महतो, रतन प्रसाद, लालधर प्रसाद आदि शामिल थे.
घर से गये थे ऑडिट करने..
ऑडिटर के बेटे निकुंज ने हत्या की आशंका से किया इनकार
बेतिया : सेंट्रल बैंक के जोनल ऑडिटर भरत साह के पुत्र निकुंज कुमार एमजेके हॉस्पिटल में रोते हुए कहा कि, क्या संयोग है. घर से पापा ऑडिट करने के लिए तीन दिन पहले बेतिया चले थे. बेतिया से आयी उनके डेथ की खबर. रोते हुए बार-बार यही बात निकुंज दुहरा रहा था. पिता के मौत की खबर सुन कर उनका बेटा निकुंज कुमार दोपहर करीब 2.30 बजे बेतिया पहुंचा. उसके आने के बाद ही शव का पोस्टमार्टम हुआ. इधर पुलिस को दिये बयान में निकुंज ने बताया कि उसके पिता को किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी. उसको किसी पर हत्या करने का शक नहीं है.
सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही पुलिस
होटल में लगे सीसीटीवी फुटेज को पुलिस खंगालने में जुट गयी है. एएसपी अभियान ने बताया कि इस घटना के अहम सुराग का पता सीसीटीवी फुटेज ही लगेगा. क्योंकि ऑडिटर भरत साह से सबसे अंतिम में मिलने कौन आया था. उसके साथ और कौन लोग थे. कितने समय तक वे लोग ऑडिटर के पास रहे.
हत्या व मौत में उलझा मामला
सेंट्रल बैंक के ऑडिटर भरत साह का मामला हत्या व मौत में उलझ गया है. क्योंकि हत्या के कारण का अब तक कोई खुलासा नहीं हो सका है. ऑडिटर जिस बैंक का ऑडिट करने बेतिया पहुंचे थे.
वह मझौलिया प्रखंड के सेंट्रल बैंक की शाखा अहवर शेख थी. सूत्रों की मानें तो इस बैंक में काफी वित्तीय गड़बड़ी बतायी जा रही है. इससे यह भी कयास लगाया जा रहा है कि किसी ने दुश्मनी की भावना से उनके खाना में कोई जहरीली पदार्थ तो नहीं मिला दिया था. क्योंकि जहरीली पदार्थ के सेवन पर ही अधिकतर मृतक के मुंह से झाग आता है.
इधर अहवर शेख शाखा के मैनेजर आनंद कुमार ने बताया कि इसी माह में हर साल बैंक की ऑडिट होती है. ऑडिटर की मौत की खबर सुन कर पहुंचे हैं.