गुमटी पर नहीं छोड़ा पांच फीट का रास्ता
रामनगर/ हरिनगर : नरकटियागंज – गोरखपुर रेल खंड में हरिनगर रेलवे स्टेशन के समीप समपार फाटक संख्या -31 के बदले सड़क ऊपरी पुल (ओवर ब्रिज) निर्माण की जब स्वीकृति मिली थी तो यहां के लोगों को बहुत अच्छा लगा था. अब जब ब्रिज का निर्माण हो गया है और आवागमन चालू हो गया तो लोगों […]
रामनगर/ हरिनगर : नरकटियागंज – गोरखपुर रेल खंड में हरिनगर रेलवे स्टेशन के समीप समपार फाटक संख्या -31 के बदले सड़क ऊपरी पुल (ओवर ब्रिज) निर्माण की जब स्वीकृति मिली थी तो यहां के लोगों को बहुत अच्छा लगा था.
अब जब ब्रिज का निर्माण हो गया है और आवागमन चालू हो गया तो लोगों को लगता है कि अच्छा था कि आरओबी नहीं था. जाम से जूझते थे. वह भी सिर्फ चीनी मिल के पेराई सीजन में.
बरसात में घर में पानी तो नहीं घुसता था. ब्रिज के रास्ते जाने के लिए जब रिक्शा वाला 50 रुपये प्रति सवारी की मांग करता है तब एहसास होता है कि रामनगर जैसे कस्बाई शहर में ओवर ब्रिज की कोई जरूरत नहीं थी. हालांकि अभी तो समस्या आने वाली है.
चीनी मिल का पेराई सीजन आने पर पता चलेगा कि ब्रिज के निर्माण से कितनी बड़ी क्षति हुई. उस वक्त सुदूर गांव से टायरगाड़ी पर गन्ना लाद कर किसान चीनी मिल में आपूर्ति के लिए आयेगा. जब ब्रिज पर चढ़ते वक्त टायर गाड़ी के बैल का दम घुटने लगेगा.
तब सही मायने में ब्रिज के निर्माण की दिशा में पहले करने वालों के लिए किसान दिल से बद्द दुआ देंगे. हालांकि चीनी मिल प्रबंधन को इस असुविधा का एहसास हो चुका है. मिल प्रबंधन की ओर से इसका विकल्प खोजा जा रहा है. अगर गन्ना लदे वाहनों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था नहीं हुई तो संभव है कि बड़ा नुकसान होगा.