विकलांग दंपती ने तय की एक किमी दूरी
सिकटा : लोकतंत्र का पावन पर्व. सोमवार को मतदान को लेकर हर तरफ उत्साह चरम पर रहा. इसमें वृद्ध, युवा मतदाता पहले मतदान, फिर काम की तर्ज पर घर से बूथ की तरफ निकले. इसी बीच हाथ-पांव से विकलांग दंपती अपने मताधिकार को लेकर बूथ संख्या-189 पर पहुंचे. पति नेक महम्मद का वर्ष 2004 में […]
सिकटा : लोकतंत्र का पावन पर्व. सोमवार को मतदान को लेकर हर तरफ उत्साह चरम पर रहा. इसमें वृद्ध, युवा मतदाता पहले मतदान, फिर काम की तर्ज पर घर से बूथ की तरफ निकले. इसी बीच हाथ-पांव से विकलांग दंपती अपने मताधिकार को लेकर बूथ संख्या-189 पर पहुंचे. पति नेक महम्मद का वर्ष 2004 में एक रेल हादसे मे दाहिना हाथ और बायां पैर कट गया था. उसी हादसा में पत्नी भी विकलांग हो गयी थी.
अपने मताधिकार के प्रयोग की खातिर दोनों एक किलोमीटर पैदल चल कर वोट गिराया. दोनों का जज्बा यह रहा कि सभी को पीछा छोड़ते हुए पहला वोट देकर मतदान का आगाज किया. दंपती ने बताया कि हाथ-पांव से विकलांग होने के कारण आने -जाने में परेशानी तो हुई. लेकिन लोकतंत्र में एक स्वच्छ व बेहतर सरकार बने. इसको लेकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराना था. साथ ही कहा कि सरकार निष्पक्ष बने, युवाओं को रोजगार और गांव का विकास हो.
यहीं कारण है कि सब दुख:-दर्द व परेशानी को भूल कर अपने मताधिकार का प्रयोग किया. आज मतदान है. सरकार बनाने के लिए पांच साल पर मताधिकार का प्रयोग करने का मौका मिलता है. फिर सवालिये लहजे में पूछा कि सरकार बनाने का मौका थोडे ही बार-बार मिलता है. हम नसीब वाले है कि हमे मौका मिला है. सभी को लोकतंत्र के इस महापर्व में भाग लेना चाहिए.