आंदोलनकारियों पर पुलिस का हमला

रक्सौल : नो-मेंस लैंड पर नींद में सोये मधेशियों पर सोमवार की सुबह नेपाली पुलिस ने अचानक हमला कर दिया. पुलिस के हमले से दर्जनों मधेशी आंदोलनकारियों को चोटें आयीं हैं. लोग इधर-उधर भाग कर अपनी जान बचाये. इसके बाद नेपाली पुलिस ने अपनी बर्बरता दिखाते हुए मधेशियों के टेंट और बिस्तर में आग लगा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 3, 2015 2:50 AM

रक्सौल : नो-मेंस लैंड पर नींद में सोये मधेशियों पर सोमवार की सुबह नेपाली पुलिस ने अचानक हमला कर दिया. पुलिस के हमले से दर्जनों मधेशी आंदोलनकारियों को चोटें आयीं हैं. लोग इधर-उधर भाग कर अपनी जान बचाये.

इसके बाद नेपाली पुलिस ने अपनी बर्बरता दिखाते हुए मधेशियों के टेंट और बिस्तर में आग लगा दी. नेपाल के बहुसंख्यक मधेशी समुदाय के लोग नेपाल में आये संविधान में अपनी उपेक्षा के बाद से आंदोलन कर रहे है. आंदोलन के बाद नेपाली पुलिस की बर्बरता से परेशान हो मधेशी नेपाल के शहरों से बाहर आकर नो-मेंस लैंड पर इस उम्मीद में धरना देना शुरू किये कि नो-मेंस लैंड पर नेपाली पुलिस अंतराष्ट्रीय नियमों के अनुसार हमला नहीं करेगी.
हालांकि 39 दिन पूर्व जब मधेशी नो-मेंस लैंड पर बैठे थे तो उस दिन भी नेपाली पुलिस नो-मेंस लैंड पर हमला की थी और सोमवार को नेपाली पुलिस ने नो-मेंस लैंड पर दुबारा हमला किया.
हालांकि हमले के बाद भी मधेशी एकजुट हुये और नो-मेंस लैंड पर अपना आंदोलन जारी रखा. सुबह के पुलिस के हमले में 10 लोगों को चोट आयी है. जिसमें दो महिला नेत्रीं भी शामिल है. इसके अलावा एक भारतीय नागरिक तुमड़ीया टोला निवासी सुरेश कुमार को भी चोट आयी है. जो कि कस्टम पर चाय बेचता है और सुबह में शौच करने के लिए गया हुआ था. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि 10 लोगों को नेपाल पुलिस पकड़ कर ले गई है. जिसमें एक भारतीय नागरिक परेउआ गांव निवासी मो0 जैनुद्दीन भी शामिल है.
इसके विरोध में उसके परिजनों ने कस्टम कार्यालय के पास नेपाल पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन भी किया. बाद में स्थानीय प्रशासन से आश्वासन मिलने के बाद लोग शांत हुये. पुल पर मौजूद मधेशी नेता महेन्द्र यादव ने बताया कि रात में करीब दोे बजे पुलिस आ गयी थी. पहले बाइक से निगरानी किया. बाद में गाड़ी से आये. जिसके बाद वे लोग वापस चले गये. सो जाने के बाद फिर से 04:30 बजे हमला कर दिया और टेंट में आग लगा दी.

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