संध्याकालीन अर्घ आज
बेतियाः सूर्य उपासना के महापर्व छठ के दूसरे दिन व्रतियों ने दिन भर के उपवास के बाद शाम को खरना किया. खरना को लेकर दिन भर व्रतियों में उत्साह रहा. व्रतियों ने पूरे श्रद्धा, विश्वास और पवित्रता के साथ छठ पूजा के प्रसाद बनाये. व्रतियों ने ठेकुआ के साथ-साथ खरना का प्रसाद तैयार किया. साठी […]
बेतियाः सूर्य उपासना के महापर्व छठ के दूसरे दिन व्रतियों ने दिन भर के उपवास के बाद शाम को खरना किया. खरना को लेकर दिन भर व्रतियों में उत्साह रहा. व्रतियों ने पूरे श्रद्धा, विश्वास और पवित्रता के साथ छठ पूजा के प्रसाद बनाये.
व्रतियों ने ठेकुआ के साथ-साथ खरना का प्रसाद तैयार किया. साठी चावल, दूध, गुड़ का रसियाव तथा गेहूं के आटे की शुद्ध घी में रोटी बनायी. शाम को छठ व्रतियों ने पूरी पवित्रता के साथ केले के पत्ते पर खरना का प्रसाद चढ़ा कर माता षष्ठी की पूजा अर्चना की. फिर खरना का प्रसाद ग्रहण कर बंधु, बांधव व परिजनों का प्रसाद खिलाया. चार दिवसीय छठ के तीसरे दिन भगवान भास्कर को छठ व्रती संध्या कालीन अघ्र्य देंगे.