तकनीक से करें खेती, कम लागत में अच्छा उत्पादन

बेतिया : जिलास्तरीय रबी कार्यशाला शुक्रवार को नगर के टाउन हॉल में कृषि विभाग के द्वारा आयोजित की गयी. इस कार्यशाला के माध्यम से किसानों को रबी फसलों की बुआई के आधुनिक तकनीक की जानकारी दी गयी. खासकर गेहूं, मंसूर,राई व सरसों का उत्पादन क्षेत्र होने के नाते यहां के किसानों को इसकी खेती के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 21, 2015 2:10 AM

बेतिया : जिलास्तरीय रबी कार्यशाला शुक्रवार को नगर के टाउन हॉल में कृषि विभाग के द्वारा आयोजित की गयी. इस कार्यशाला के माध्यम से किसानों को रबी फसलों की बुआई के आधुनिक तकनीक की जानकारी दी गयी. खासकर गेहूं, मंसूर,राई व सरसों का उत्पादन क्षेत्र होने के नाते यहां के किसानों को इसकी खेती के गुर बताये गये. डीएम लोकेश कुमार सिंह ने कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए कहा कि यह राज्य कृषि प्रधान है. कृषि उत्पादन बढ़ा कर इस राज्य को खुशहाल बना सकते हैं.

इसके लिए किसानों को तकनीक से खेती करने की जरूरत है. तभी कम लागत में अच्छा उत्पादन हो सकता है. उप विकास आयुक्त राजेश मीणा ने भी किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि जो भी टिप्स कार्यशाला में वैज्ञानिक बता रहे है.

उसे अपने किसानी में अपनाये तभी आपकी कृषि उन्नत होगी. जिला कृषि पदाधिकारी ओंकार नाथ सिंह ने कहा कि इस बार जिला में गेहूं प्रत्येक्षण का लक्ष्य 10946 एकड़ रखा गया है. जो जीरो टिलेज के माध्यम से होगी.

इस कार्यशाला में आत्मा निदेशक सुरेंद्र प्रसाद, जिला उद्यान पदाधिकारी मुकेश कुमार व माधोपुर कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक उपस्थित थे.

क्या है जीरो टिलेज
जीरो टिलेज आसानी से अपनायी जा सकने वाली ऐसी तकनीक है. इसकी सहायता से उत्पादन लागत में कमी के साथ-साथ खेती की बिना जुताई समय से गेहूं की बुआई व उपज में वृद्धि सुनिश्चित की जा सकती है. धान फसल की कटाई के उपरांत उसी खेत में बिना जुताई किये हुए जीरो टिल सीड ड्रिल, जिससे उर्वरक व बीज एक साथ प्रयोग किये जा सकते है. गेहूं की बुआई करने की इस तकनीक को जीरो टिलेज तकनीक कहते हैं.

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