बेतियाः राज्य खाद्य निगम (एसएफसी) से धान अधिप्राप्ति कर चावल नहीं उपलब्ध कराने वाले राइस मिलरों पर शिकंजा कसना शुरू हो गया हैं. राइस मिलों पर बकाया चावल की कीमत की वसूली मिल मालिकों के चल-अचल संपत्ति से किया जायेगा. इसके लिए एसएफ सी के प्रबंधक ने संबंधित क्षेत्र के अंचलाधिकारी से मिल मालिकों के चल-अचल संपत्ति का ब्योरा
मांगा हैं,ताकि राशि का वसूली किया जा सके.
शिकंजे में चार मिलर
मच्छरगावां स्थित सिंह राइस मिल के प्रमोद कुमार सिंह जिन्होंने वर्ष 2011-12 में एसएफसी से मिलिंग के लिए 21831.20 क्विंटल धान अधिप्राप्ति किया. जिन्हें मिलिंग कर 67 फीसदी के दर से 14626.90 क्विंटल सीएमआर चावल उपलब्ध कराना था, मगर उन्होंने अबतक 11880 क्विंटल सीएमआर चावल ही एसएफसी को उपलब्ध करा पाये, शेष 2446.90 क्विंटल सीएमआर चावल व 5694 पीस जुट का बोरा का दाम बकाया है. वही बेतिया के औद्योगिक क्षेत्र स्थित साई राम राइस मिल के उमेश कुमार साह ने वर्ष 2011-12 में एसएफसी से 35525.60 क्विंटल धान अधिप्राप्ति किया. जहां 21792.15 क्विंटल सीएमआर चावल जमा कराने के बजाये उन्होंने मात्र 19980 क्विंटल सीएमआर चावल एसएफसी को उपलब्ध करा पाये.
शेष 1812.15 क्विंटल सीएमआर चावल व 3625 पीस जुट के बोरा का दाम बकाया हैं.वही बगहा एक के चौतरवा स्थित कुमार राइस मिल के नारायण कुमार ने 6444.80 क्विंटल धान अधिप्राप्ति किया. जहां 4318.01 क्विंटल सीएमआर चावल उपलब्ध कराने के एवज में उन्होंने मात्र 2160 क्विंटल चावल उपलब्ध करा पाये. शेष 1618 क्विंटल चावल बकाया हैं.वही मझौलिया के खोडवा रतनमाला स्थित चंपारण राइस मिल के मृत्युंजय तिवारी ने वर्ष 2012-13 में 5236.40 क्विंटल धान अधिप्राप्ति किया. मगर अबतक इन्होंने कुछ भी चावल एसएफसी को उपलब्ध नहीं करा पाये.इसके एवज में एक करोड़ तेरह लाख अड़तीस हजार आठ सौ बहत्तर रुपया बकाया हैं.