बेतियाः जिलास्तरीय परामर्शदात्री समिति की तृतीय त्रैमासिक बैठक शनिवार को विकास भवन के सभागार में डीडीसी जवाहर प्रसाद की अध्यक्षता में हुई. बैठक में सरकार प्रायोजित विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की गयी. अग्रणी जिला प्रबंधक अरुण कुमार झा ने बताया कि गत वर्ष की तुलना में जिले की साख जमा अनुपात में करीब दो फीसदी की गिरावट हुई है.
उन्होंने कहा कि जिला अवस्थित बैंक ऑफ इंडिया, केनरा बैंक, इंडियन बैंक, एक्सिस बैंक, एचडीएफसी व आइसीआइसीआइ बैंक की शाखाओं द्वारा ऋण प्रवाह में कमी इसकी एक बड़ी वजह है. इसके साथ ही एलडीएम श्री झा ने बताया कि जिले में किसान क्रेडिट कार्ड की प्रगति मात्र 50 फीसदी ही हो पायी है. इसमें अंचलाधिकारी की कार्यशैली एक बड़ी बाधा बनी हुई है.
उन्होंने कहा कि अंचलाधिकारी नवसृजित प्रपत्र में भू स्वामित्व प्रमाण पत्र नहीं निर्गत कर रहे हैं. इस कारण समस्या उत्पन्न हो रही है. समीक्षा बैठक में प्रधानमंत्री रोजगार योजना में जिले के सभी बैंकों की प्रगति असंतोषजनक पायी गयी. इसके लिए डीडीसी श्री प्रसाद ने जनवरी के प्रथम सप्ताह में विशेष शिविर लगा कर अधिकाधिक लक्ष्य पूरा करने की बात कही. बैठक के दौरान एलडीएम ने समग्र विकास योजना के सफल संचालन के लिए चार बैंकों के चयन की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि समग्र गव्य विकास योजना के लिए स्टेट बैंक, सेंट्रल बैंक, पंजाब नेशनल बैंक और उत्तर बिहार क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक का चयन किया गया है.
इनमें सेंट्रल बैंक, स्टेट बैंक व पंजाब नेशनल बैंक में अनुदान की राशि आ गयी है. लेकिन उत्तर बिहार क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक को अबतक अनुदान राशि अप्राप्त है. इसके लिए कार्रवाई की जा रही है. बैठक में आरबीआइ के एजीएम एन बी दत्तात्रेय, नाबार्ड के डीडीएम विवेकानंद, जिला कृषि पदाधिकारी, जिला उद्योग महाप्रबंधक सहित दर्जनों अधिकारी मौजूद थे.