एैश वैडनसडे संग शुरू हुआ काल-ए-चालीसा

बेतिया : हम तेरी आराधना करते है, हे ख्रीस्त और तुझे धन्य कहते है. क्योंकि तूने अपने पावन क्रूस के द्वारा संसार को बचाया है… इन प्रार्थनाओं से बुधवार की शाम महागिरिजाघर गूंज उठा. मौका था चालीसा काल के पहले दिन एैश वेडनेस डे (राख बुध) को आयोजित क्रूस यात्रा का. क्रूस यात्रा मे उपस्थित […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 11, 2016 6:41 AM

बेतिया : हम तेरी आराधना करते है, हे ख्रीस्त और तुझे धन्य कहते है. क्योंकि तूने अपने पावन क्रूस के द्वारा संसार को बचाया है… इन प्रार्थनाओं से बुधवार की शाम महागिरिजाघर गूंज उठा. मौका था चालीसा काल के पहले दिन एैश वेडनेस डे (राख बुध) को आयोजित क्रूस यात्रा का.

क्रूस यात्रा मे उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए बेतिया धर्मप्रांत के प्रशासक सह मुख्य पुरोहित फादर लॉरेंस पास्कल ने कहा कि राख बुध से आरंभ होने वाले चालीसा का समय यह याद दिलाता है कि हम पापों की क्षमा के लिए पाप स्वीकार करें. इससे न सिर्फ हमे पापों से क्षमा मिलेगी. बल्कि हमारा जीवन भी नया हो जायेगा. साथ ही इस समय हम प्रार्थना, उपवास-परहेज तथा तपस्या के साथ दूसरों के लिए भी त्याग करें.
क्योंकि ईश्वरीय प्रेम हमें दीन दुखियों की सेवा व सहायता के लिए प्रेरित करती है. इससे हम दूसरे के जीवन मे ईश्वर को देख तथा अनुभव कर सकते है.
14 चरणों का हुआ स्मरण
क्रूस यात्रा मे श्रद्धालुओं द्वारा प्रभु यीशु के दुख भोग तथा उनके मृत्यु के चौदह चरणों का स्मरण किया गया. जिसमें प्रभु यीशु को प्राणदंड की आज्ञा मिलने, क्रूस लेकर गिरने, क्रूस पर चढ़ाये जाने तथा प्राण त्यागने की घटना का स्मरण किया गया. साथ ही यह प्रार्थना भी की गयी कि हमें ईश्वर की कृपा प्राप्त हो. ताकि हम उन्हें निकटता से अनुभव कर सकें. जिससे हमें उनकी शांति व कृपा प्राप्त हो.
गुडफ्राइडे की तैयारी शुरू
राख बुध के साथ ही शुरू हुए चालीसा काल से ईसाई लोग गुड फ्राइडे की तैयारी मे जुट गये हैं. इन चालीस दिनों के अंतराल को वे लोग प्रार्थना तथा उपवास परहेज के साथ व्यतीत करेंगे. इस दौरान प्रत्येक बुधवार व शुक्रवार को शाम में गिरजाघरों में क्रूस यात्रा होगी.

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