बाघ का मांस व खून पीकर जवान रहना चाहता है हरि
बगहा : वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में बाघों को जहर देकर मारने वाले गिरोह का मास्टर माइंड 62 वर्षीय हरि गुरो बुढ़ापे में शारीरिक रूप से मजबूत व स्वस्थ रहना चाहता है. इसलिए उसकी इच्छा बाघ का मांस खाने व खून पीने की थी. गिरोह के हत्थे कभी कोई जिंदा बाघ नहीं चढ़ा, इसलिए उसकी यह […]
बगहा : वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में बाघों को जहर देकर मारने वाले गिरोह का मास्टर माइंड 62 वर्षीय हरि गुरो बुढ़ापे में शारीरिक रूप से मजबूत व स्वस्थ रहना चाहता है. इसलिए उसकी इच्छा बाघ का मांस खाने व खून पीने की थी. गिरोह के हत्थे कभी कोई जिंदा बाघ नहीं चढ़ा, इसलिए उसकी यह हसरत अधूरी रह गयी. नेपाल में उसने सुन रखा था कि बाघ का मांस खाने से बाघ की तरह ताकत आती है. खून पीने से जवानी बरकरार रहती है. इसलिए वह बाघों को जिंदा मारना चाहता था.
कोतराहा गेस्ट हाउस में पूछताछ के दौरान हरि गुरो ने यह खुलासे किये हैं. वन विभाग
बाघ का मांस
उसे शनिवार को 48 घंटे के लिए रिमांड पर लिया. हालांकि अधिकारी उससे मिली जानकारी को गोपनीय रख रहे हैं. डीएफओ अमित कुमार समेत अन्य अधिकारियों ने उससे पूछताछ की. डीएफओ ने बताया कि हरि गुरो ने गिरोह के बारे में जानकारी दी है. गिरोह के कुछ अन्य सदस्यों का नाम सामने आया है. उनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है.
जहर मिले मांस को गाड़ते थे
बाघ को मारने के लिए फ्यूरोडॉन (जहर) का इस्तेमाल होता था. बाघ के शरीर में जहर फैल जाने के कारण उसका मांस खाने लायक नहीं रह जाता. इसलिए मांस को गड्ढा खोद कर गाड़ देते थे. हरि ने फ्यूराडॉन किस दुकान से खरीदता था, उसने यह भी खुलासा किया है.
नाखून व बाल की ताबीज
हरि गुरो खुद जड़ी-बूटी का जानकार है. वह जंगल से कीमती जड़ी-बूटी ले जाकर नेपाल में बेचने का भी कारोबार भी करता है. इस दौरान उसके संपर्क कई ताबीज बेचने वालों से हो गये थे. ताबीज में डालने के लिए बाघ के नाखून व बाल की सप्लाई करता था.
बोले डीएफओ
पूछताछ में वन तस्कर ने किये कई खुलासे
हरि गुरो से पूछताछ के क्रम में कुछ महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं. इस गिरोह में कई अन्य लोग भी शामिल हैं. उन लोगों को गिरफ्तार करने के लिए छापेमारी की जा रही है.
अमित कुमार, डीएफओ