महोत्सव का मुख्य आकर्षण रहे स्थानीय कलाकार,कला संस्कृति मंत्री नाराज होकर मंच से उतरीं
झमटा-झूमर नृत्य देख भाव विभोर हुये दर्शक वाल्मीकिनगर : एक दिवसीय वाल्मीकि महोत्सव का मुख्य आकर्षण स्थानीय कलाकार रहे. थारु आदिवासियों की पारंपरिक नृत्य और थरुहट कला संस्कृति मंच के कलाकारों की प्रस्तुति बेहद सराहनीय रही. हरनाटांड़ कला संस्कृति मंच की गीता राय, वर्षा श्रेष्ठ, सुजाता कुमारी, तान्वी एवं झमटा नृत्य के कलाकारोें समेत भोजपुरी […]
झमटा-झूमर नृत्य देख भाव विभोर हुये दर्शक
वाल्मीकिनगर : एक दिवसीय वाल्मीकि महोत्सव का मुख्य आकर्षण स्थानीय कलाकार रहे. थारु आदिवासियों की पारंपरिक नृत्य और थरुहट कला संस्कृति मंच के कलाकारों की प्रस्तुति बेहद सराहनीय रही.
हरनाटांड़ कला संस्कृति मंच की गीता राय, वर्षा श्रेष्ठ, सुजाता कुमारी, तान्वी एवं झमटा नृत्य के कलाकारोें समेत भोजपुरी गायक इंदू सोनाली, क्षितिज तेरे, सौरभी आदि कलाकारों की धूम रही. हालांकि मंच की साज सज्जा बेहद आकर्षक था. एसडीएम धमेंद्र कुमार के कुशल नेतृत्व में इस सफल महोत्सव के कार्यक्रम में श्रोता और दर्शकों ने भरपूर आनंद लिया. एसडीएम स्वयं कार्यक्रम की विधि व्यवस्था की निगरानी करते रहे.
याद आये अल्हा कलाकार:
वर्ष 2014 में आयोजित दो दिवसीय वाल्मीकि महोत्सव में अल्हा एवं फरुआही कलाकारों की जलवा रहा था. अल्हा गायक भितहा के वृजा चौधरी की पारंपरिक गीत से जुड़ाव काबिल तारीफ था. बिरहा गायन के स्टार और विजेता प्रवेश यादव की बिरहा गायन को सुन लोग मुग्ध हो गये थे.
लेकिन इस बार के महोत्सव में ये कलाकार नहीं दिखे. इनकी कमी दर्शकों को काफी खली.
महोत्सव पर भारी पड़ा भारत पाक मैच : महोत्सव की तैयारी और साज सज्जा तो बेहद आकर्षक. पर, दर्शकों की कमी अखर गयी. जितनी भीड़ होनी चाहिए थी. जिस तरह से इसका प्रचार प्रसार किया गया था. उस तरह की दर्शकों की उपस्थिति नहीं थी. इसका सबसे प्रमुख कारण भारत पाक का क्रिकेट मैच माना जाता है. इस महोत्सव में हिपहॉप डांस समेत अन्य कलाकारों की प्रस्तुति देखने और सुनने के लिए युवाओं की उपस्थिति जिस तरह से होनी चाहिए थी. मैच के कारण नहीं हो सकी.
पुलिस रही चौकस : एसडीपीओ रामचंद्र राजगुरू के देख रेख में इस महोत्सव के कार्यक्रम में सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम किया गया था. मंच के चारों तरफ भारी संख्या में पुलिस बलों की तैनाती की गयी थी. वाल्मीकि नगर के पुलिस निरीक्षक देवेंद्र प्रसाद स्वयं महोत्सव के मुख्य द्वार पर स्वयं आगत अतिथियों के स्वागत में तैनात रहे.