आपराधिक घटनाओं से सुलग रहा चंपारण
बेतियाः बारूद के ढेर पर बैठा चंपारण की धरती एक बार फिर आपराधिक घटनाओं से सुलग रही है. अभी घोघा के मुखिया एवं भाजपा नेता अनिल मिश्र का खून सूखा भी नहीं था कि एक बार फिर कल रात 10 बजे के आसपास साठी थाना के भितिहरवा पंचायत के सरपंच शबनम खातून के पुत्र एवं […]
बेतियाः बारूद के ढेर पर बैठा चंपारण की धरती एक बार फिर आपराधिक घटनाओं से सुलग रही है. अभी घोघा के मुखिया एवं भाजपा नेता अनिल मिश्र का खून सूखा भी नहीं था कि एक बार फिर कल रात 10 बजे के आसपास साठी थाना के भितिहरवा पंचायत के सरपंच शबनम खातून के पुत्र एवं जनता उच्च विद्यालय कर्मी कमरान की मौत का मामला पुलिस की नींद उड़ा दी है. बेतिया पुलिस जिला के लंबे-चौड़े भूगोल में (3) सी चंपारण सहित केन और क्राइम का तीसरा सी क्राइम चंपारण की धरती पर एक बार फिर सक्रिय होते दिख रही है.
आठ साल पहले लालू-राबड़ी की सरकार में यह (3) सी चंपारण केन और क्राइम और मिनी चंबल के नाम से विख्यात हो चुका चंपारण नीतीश सरकार के आने के बाद इसका तीसरा सी यानी क्राइम लगभग खत्म हो चुका था. लोग रात में चलना, घर से बाहर निकलना शुरू कर दिये थे. लोग भयमुक्त हो गये थे. लेकिन बेतिया और आसपास के क्षेत्रों में अपराधी एक बार फिर सर उठाते दिख रहे हैं. एक महीना में लगभग दर्जनों चोरी, डकैती, लूट और दो हत्या का मामला सामने आने से यहां के लोग इस बात को लेकर डरने लगे हैं कि कहीं फिर से चंपारण की यह धरती अपराधियों का घर न बन जाय. आठ जनवरी के शाम को एजी मिशन के छात्र की राइफल की गोली लगने से मौत की गुत्थी अभी पुलिस सुलझाने में लगी ही थी कि 11 जनवरी को दिन-दहाड़े घोघा मुखिया अनिल मिश्र की हत्या से घोघा की धरती लाल हो गयी.
उसी दिन पुलिस अपराधियों को पकड़ने के लिए छापेमारी में जुटी ही थी कि शाम के समय आरएलएसवाइ के छात्र लक्की को अपराधियों ने गोली मार दी. लक्की तो बच गया लेकिन गोली चलाने वाले अभी भी पुलिस से बचे हुए हैं. लक्की का बच जाना तो बहुत अच्छा हुआ लेकिन अपराधियों का अभी बचे रहना खतरनाक है. एसपी सौरभ कुमार साह के नेतृत्व में मुखिया हत्या मामले की छानबीन चल रही है कि कल रात 10 बजे कमरान का मौत की खबर पुलिस को झकझोर कर रख दिया. पुलिस अभी कमरान की मौत को हत्या नहीं मान रही है .और छानबीन कर नतीजा सामने लाने का आश्वासन दे रही है. एक के बाद एक हो रही आपराधिक घटना पुलिस पर सवालिया निशान तो लगा ही रही है लेकिन युवा और तेज तर्रार साथ ही अपराधियों के लिए डर का एक रूप रह चुके एसपी सौरभ कुमार साह अपराधियों को जल्दी से पकड़ने और आपराधिक घटनाओं पर जल्दी से लगाम कस कर इसे नियंत्रित कर देने की बात कह रही है.