रामनगर, बगहाः वाल्मीकि व्याघ्र परियोजना के रघिया जंगल में सैर सपाटा करने आये डेढ़ दर्जन पर्यटकों को रविवार की रात नियम का उल्लंघन करने के आरोप में पकड़ा गया था. इन पर्यटकों को सोमवार की शाम बांड भरवाकर छोड़ा गया. इस मामले में मंगलवार को टूर संचालक समेत पांच लोगों पर प्राथमिकी की गयी.
प्राथमिकी में टूर संचालकों पर विभागीय निर्देशों का पालन नहीं करने, रात में घूमने व बीटीआर के कोर एरिया में खाना बनाने का आरोप है. पर्यटकों से चार वाहन भी पकड़े गये थे, जिनमें दो वाहनों को जब्त कर लिया गया है.
गोबरहिया के थानाध्यक्ष राजेश रंजन ने बताया कि वन अधिनियम 1972 की धारा 27, 29 और 30 के तहत टूर संचालक समेत पांच लोगों पर प्राथमिकी की गयी है. वन प्रमंडल एक के डीएफओ आलोक कुमार ने बताया कि वन क्षेत्र में घूमने की अनुमति दल को दी गई थी. विभाग के नियमानुसार टूरिस्टों को केवल पूछताछ के लिए रोका गया था. पूछताछ के बाद उन्हे बांड पर छोड़ दिया गया.
टूर संचालक ने विभागीय निर्देशों का पालन नहीं किया. कार्रवाई के दौरान पर्यटकों को बीटीआर के कोर एरिया में खाना बनाते पाया गया. जानवरों के रहने की जगह पर आग जलाने व खाना बनाने की इजाजत नहीं है. यह सरासर नियमों का उल्लंघन है. वीटीआर के अंदर खाना बनाने व आग जलाने पर पूरी तरह पाबंदी है. नियमों का उल्लंघन करने वालों पर निश्चित रूप से कार्रवाई की जायेगी. टूर आपरेटर सहित कुल पांच लोगों पर प्राथमिकी दर्ज हुई है. पर्यटक दल में शामिल दो वाहनों को जब्त कर गोबरधाना थाने में रखा गया है.
उधर, सफारी लॉन्ज के संचालक शितांशु अमर का कहना है कि विभाग की अनुमति से जंगल में प्रवेश किये थे. यदि ज्यादती हुई, तो न्यायालय की शरण लेंगे. वहीं पटना से आये पर्यटकों का कहना है कि 10 घंटे तक वन विभाग की हिरासत में रहे. उन्हें काफी यातनाएं ङोलनी पड़ीं. इसकी शिकायत पटना में विभाग के अधिकारी व सूबे के मुख्यमंत्री से करेंगे.