बेतियाः सिर पर गांधीवादी टोपी, माथे पर आई लव माई इंडिया, कंधों पर भारत मां का लहराता हुआ तिरंगे को लिये हुए यह 55 वर्षीय मुजफ्फर हुसैन है. बेतिया के नया टोला के रहने वाले मुजफ्फर हर साल स्वतंत्रता व गंतत्रता दिवस के अवसर पर झंडा बेचने का काम करते हैं. पिछले लगभग 10 सालों से यह काम वह भाईचारे और देश प्रेम को बढ़ाने के लिए करते हैं.
चाय बेच कर अपनी रोजी-रोटी को चलाने वाले मुजफ्फर का कहना है कि मैं पैसे के लिए झंडा नहीं बेचता बल्कि अपनी खुशी के लिए बेचता हूं. 15 अगस्त और 26 जनवरी आते ही मुजफ्फर भारत का झंडा लेकर बेतिया के सड़कों पर निकल जाते हैं.
मुजफ्फर का कहना हैं कि इस देश की आजादी के लिए जो लोग शहीद हुए वे किसी जाति व धर्म से नहीं थे बल्कि एक हिंदुस्तानी थे और मैं भी एक हिंदुस्तानी होने का फर्ज इस झंडा बेच कर लोगों के दिलों में देश प्रेम को जगाता हूं. आज देश को बांटने वाले किसी जाति व धर्म से नहीं बल्कि वह एक देश द्रोही है. हम सबको भाई चारा बनाकर भारत मां को दुश्मनों के चंगुल से बचाते हुए आपस में मिलजूल कर रहना है. ताकि इस झंड़ा का सम्मान हमेशा बना रहे. और यह विश्व विजेता बने.