बस ही नहीं स्टैंड पर भी होती सांसत

मनमानी. यात्री सुविधाओं का नहीं है कोई इंतजाम, वेटिंग हाल में भी गंदगी तमाम तामझाम के नाम पर यात्रियों को ठग कर अपनी जेब गरम करनेवाले बस संचालक ही नहीं, सरकारी विभाग भी यात्रियों को उनकी सुविधाएं देने में नाकाम है. मुसाफिरों को दिक्कत नहीं हो, वह ठगे नहीं जायें और उनको सुविधाएं मिले, इसको […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 7, 2016 1:08 AM

मनमानी. यात्री सुविधाओं का नहीं है कोई इंतजाम, वेटिंग हाल में भी गंदगी

तमाम तामझाम के नाम पर यात्रियों को ठग कर अपनी जेब गरम करनेवाले बस संचालक ही नहीं, सरकारी विभाग भी यात्रियों को उनकी सुविधाएं देने में नाकाम है. मुसाफिरों को दिक्कत नहीं हो, वह ठगे नहीं जायें और उनको सुविधाएं मिले, इसको लेकर कोई संजीदा नहीं है. प्रशासन पर इसे लागू करने की जिम्मेवारी है, बावजूद इसके अफसरों की चुप्पी समझ से परे है.
बेतिया : बसों में सफर करने वाले मुसाफिरों की दिक्कतें कम होने का नाम नहीं ले रही है. एक तो यात्री बस संचालकों के हाथों तमाम सुविधाओं के नाम पर मनमाना किराया देकर ठगे जा रहे हैं, वहीं स्टैंड पर भी यात्री सुविधाओं का इंतजाम नहीं होने से यात्रियों की सांसत हो रही है. स्थानीय बस स्टैंड के मुसाफिरखाने यानि वेटिंग हाल में हालात यूं है कि वहां फैले कचरे के सड़ने से यहां पल भर ठहरना भी नामुमकिन है. जहां जगह साफ है, वहां फुटकर दुकानदारों ने अपना अतिक्रमण कर रखा है. इतना ही नहीं आस-पास के दुकानदार मुसाफिरखाने को अपना निजी वाहन रखने का स्टैंड भी बना लिये हैं. यात्री किराया देकर भी इन सुविधाओं से वंचित है.
बस स्टैंड पर यह हाल तब है, जब यात्रियों से मनमाना किराया वसूला जाता है. नगर परिषद बस स्टैंड के डाक से 1.40 करोड़ रुपये का राजस्व वसूलती है. बावजूद इसके यहां सफाई तक नहीं कराई जा रही है. यात्रियों के बैठने के बनी कुर्सियां भी गंदगी से पटी हुई है. वेटिंग हाल में माह भर पुराने कचरे फैले हुए है, जिसके सड़ने से पूरा परिसर बदबू में डूबा हुआ है. शौचालय की व्यवस्था भी दुरूस्त नहीं है. यहां तक की महिला यात्रियों के मूत्रालय तक नहीं है. पीने के पानी के लिए सरकारी हैंडपंप तो है, लेकिन उसका चबूतरा नहीं होने से उसके चारों ओर कीचड़ पसरा हुआ है. स्थानीय बस ऑपरेटर एसोसिएशन के लोगों का कहना है कि यात्री सुविधाओं के लिए कई बार नप प्रशासन से कहा गया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है.
बस स्टैंड के वेटिंग हाल में खड़े निजी वाहन, स्टैंड के फर्श पर सड़ रहे कचरे एवं चबूतरा नहीं होने से हैंडपंप के पास पसरा कीचड़
बसों में सफर करने वाले यात्रियों खा रहे चौतरफा मार, मनमाना किराया देने के बाद भी सुविधाओं से हैं वंचित
जिले से पटना, मुजफ्फरपुर व अन्य शहरों के लिए पूरे दिन खुलती हैं बसें, तीन हजार से अधिक यात्री रोज करते हैं सफर
बस स्टैंड से 1.40 करोड़ रुपये का राजस्व लेता है नगर परिषद
रैन बसेरा तो दूर अलाव
के भी इंतजाम नहीं
यूं तो सरदी के दिनों में दूर-दराज के यात्रियों के लिए स्टैंड पर रैन बसेरे का इंतजाम होता है, लेकिन यहां रैन बसेरा तो दूर यात्रियों के अलाव तक के इंतजाम नहीं है. जबकि सरदी ने दस्तक दे दी है. खास यह है कि जिला मुख्यालय का स्टैंड होने के नाते यहां 24 घंटे बसों की आवाजाही रहती है, ऐसे में दूर-दराज के यात्रियों को ठिठुर कर रात गुजारना पड़ रहा है. इसको लेकर न तो बस ऑपरेटर और न ही नप संजीदा है.
स्टैंड पर मिलनी चाहिए यह सुविधाएं
यात्री शेड
वेटिंग हॉल
बैठने के लिए कुर्सियां
पीने के लिए पेयजल का इंतजाम
रैन बसेरा
सरदी के दिनों में अलाव
गरमी के दिनों में पंखा

Next Article

Exit mobile version