कड़ाके की ठंड में भी प्रशासनिक तैयारी फेल
शाम होते ही सूनी हो गयी सड़क. एक सप्ताह से जिले में है ठंड का प्रकोप, कुहासे व पछुआ हवा से लोग बेहाल ठंड से बचाव के लिए जिले में अब तक नहीं की गयी प्रशासनिक पहल बेतिया : जिले में ठंड और कोहरे से लोगों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है़ वहीं […]
शाम होते ही सूनी हो गयी सड़क.
एक सप्ताह से जिले में है ठंड का प्रकोप, कुहासे व पछुआ हवा से लोग बेहाल
ठंड से बचाव के लिए जिले में अब तक नहीं की गयी प्रशासनिक पहल
बेतिया : जिले में ठंड और कोहरे से लोगों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है़ वहीं सरकारी अलाव अब तक फाइलों में ही कैद है, सरजमीन पर कहीं भी अलाव की व्यवस्था दिख नहीं रही है़ नतीजा है कि लोग परेशान हैं और शाम ढलते ही बाजार में चहल-पहल थम सी जा रही है. मजबूरी वश ही लोग शाम के बाद घर से बाहर निकल रहे है. सबसे अधिक परेशानी गरीब तबके के लोगों को उठानी पड़ रही है. इसके अलावा फुटपाथ और रेन बसेरा में रह रहे लोगों के लिए भी दिसंबर की रात काटे नहीं कट रही है.
ठंड से परेशान हैं लोग : जिले में यूं तो दिसंबर माह के प्रथम सप्ताह से ही पारा में गिरावट दर्ज होने लगी, तेज पछिया हवा के असर एवं बढ़ते शीतलहर के बीच अभी तक प्रशासनिक सुगबुगाहट दिखायी नहीं दे रही है. वैसे तो प्रावधान के मुताबिक गरीबों को ठंड से बचाने के लिए कंबल वितरण की व्यवस्था आपदा प्रबंधन एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग की ओर से की जाती है. लेकिन प़ चम्पारण जिले में अभी कहीं भी कंबल वितरण का कार्य आंरभ नही किया गया है. हालांकि ठंढ़ से किसी प्रकार के हादसे की खबर अभी तक सामने नहीं आयीहै. जबकि बताते है कि हर वर्ष गरीब बेसहारा एवं जरूरतमंदों के बीच कंबल बांटने का फरमान जारी होता है. सबसे हैरत की बात तो यह है कि कंबल आपूर्ति की प्रक्रिया ही अभी जिले में आंरभ नहीं की गयी है.
नहीं जल रहे अलाव : भले ही सोमवार को धूप निकलने के बाद लोगो ने चैन की सांस ली. लेकिन रात का पारा इतना गिर जा रहा है कि लोगों को आग की आवश्यकता महसूस होने लग रही है. लोग शाम होते ही अपने घरों में दुबकना ज्यादा आवश्यक समझ रहे है. हालांकि शहर में रह रहे रिक्सा चालकों, बेसहारों के लिए चौक चौराहों पर अलाव जलाने की व्यवस्था भी की जाती रही है. लेकिन अभी तक नगर के किसी भी चौक चौराहें पर अलावे की व्यवस्था नहीं की गयी है. हालांकि इसके लिए सभी अंचलों को आपदा प्रबंधन से अलाव जलाने का आदेश दिया जाता रहा है.