जिंदगी व मौत से जूझ रहा बंदी

बेतिया : अव्यवस्था और लालफीताशाही का पोल खोल रहा है जिंदगी और मौत से जूझ रहा एक बंदी. यह स्थिति मेडिकल कॉलेज सह एमजेके अस्पताल के कैदी वार्ड की है. जहां हार्ट का मरीज 35 वर्षीय यदु राउत की आंखें पटना बेहतर इलाज के लिए जाने की वाट जोह रही हैं. वह कहता है कि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 24, 2017 5:31 AM

बेतिया : अव्यवस्था और लालफीताशाही का पोल खोल रहा है जिंदगी और मौत से जूझ रहा एक बंदी. यह स्थिति मेडिकल कॉलेज सह एमजेके अस्पताल के कैदी वार्ड की है. जहां हार्ट का मरीज 35 वर्षीय यदु राउत की आंखें पटना बेहतर इलाज के लिए जाने की वाट जोह रही हैं.

वह कहता है कि पांच दिन पूर्व उसे यहां के चिकित्सकों ने नाजुक स्थिति को देखते हुए पटना पीएमसीएच रेफर किया था. लेकिन अब तक उसे भेजे जाने की सुध नहीं ली गयी. वह समझ नहीं पा रहा है कि किससे गुहार करे. यह बंदी जिले के शिकारपुर थाना क्षेत्र के धोकराहां गांव निवासी नंदलाल राउत का पुत्र यदु राउत है.
इसको पुलिस ने तीन माह पूर्व अपहरण के एक मामले में गिरफ्तार किया था और न्यायिक हिरासत में यहां भेजा गया था. बताते हैं कि उसके परेशानियों को देखते हुए मंडलकारा प्रशासन की ओर से 16 जनवरी को मेडिकल कॉलेज सह एमजेके अस्पताल में भर्ती कराया गया था. पांच दिनों पूर्व जांच के बाद चिकित्सकों ने उसकी स्थिति को नाजुक पाया और बेहतर इलाज के लिए पटना रेफर कर दिया. तीमारदार के रूप में आये बंदी के बहनोई नौतन थाना क्षेत्र के बैंकुंठवा निवासी पप्पू राउत बताता है कि मंडलकारा प्रशासन ने इसके पूर्व सात दिसंबर को भी इलाज के लिए इस अस्पताल में भेजा था.
जहां अस्पताल प्रशासन ने इलाज के बाद उसे फिर मंडलकारा वापस कर दिया गया था. लेकिन उसकी स्थिति बिगड़ने पर पुन: भर्ती कराया गया है. हालांकि इसके लिए किस स्तर पर कोताही बरती जा रही है? यह बताने को कोई तैयार नहीं है.
पांच दिन पूर्व हुआ था रेफर, कैदी वार्ड में जोह रहा भेजे जाने की बाट
अपहरण कांड में मंडलकारा में तीन माह पूर्व हुआ था बंद
भरती के समय से ही डाक्टरों की ओर से बंदी का उपचार यहां जारी है. लेकिन बेहतर इलाज पटना में ही संभव है. इसलिए उसको रेफर किया गया है.
डाॅ एचएन झा, अस्पताल अधीक्षक, मेडिकल कॉलेज सह एमजेके अस्पताल, बेतिया

Next Article

Exit mobile version