कृषि ऋण करें माफ, स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें हों लागू
बजट 2017. ‘प्रभात खबर’ की ओर से हुई परिचर्चा में किसानों ने रखे विचार भारत कृषि प्रधान देश हैं. लेकिन, किसान और किसानी के हालात क्या हैं, यह किसी से छिपी नहीं है. बात बजट 2017 की है तो सभी की अपेक्षाएं बढ़ी है. इनकी उम्मीदें इस बजट से अधिक है. किसान कृषि ऋण माफ […]
बजट 2017. ‘प्रभात खबर’ की ओर से हुई परिचर्चा में किसानों ने रखे विचार
भारत कृषि प्रधान देश हैं. लेकिन, किसान और किसानी के हालात क्या हैं, यह किसी से छिपी नहीं है. बात बजट 2017 की है तो सभी की अपेक्षाएं बढ़ी है. इनकी उम्मीदें इस बजट से अधिक है.
किसान कृषि ऋण माफ करने के पक्ष में एकमत हैं, तो विशेष ऐलान का इंतजार भी है. पेश है प्रभात परिचर्चा की तीसरी कड़ी में जिले के किसानों की बजट पर उनकी राय…
बेतिया : दो साल से लगातार सूखे की मार झेलने के बाद इस साल बदले मौसम में किसानों को बेहतर फसल की उम्मीद थी लेकिन नोटबंदी के फैसले ने चौपट कर दिया. फैसला खरीफ फसल की कटाई और रबी फसल की बुआई के वक्त में हुआ. एक तरफ किसान के लिए उपज बेचना मुश्किल हुआ तो दूसरी तरफ नई फसल के लिए सामान जुटाना भी. किसान ना जरूरत भर खाद बीज खरीद सका न ही उम्मीद भर रबी फसलों की बुआई हो पाई. ऐसे में किसानी अनुकूल मौसम होने के बाद भी घाटे का ही सौदा साबित हुआ.
‘प्रभात खबर’ की ओर से बजट 2017 पर आयोजित परिचर्चा में सोमवार को किसानों ने अपना दर्द कुछ यूं साझा किया. बातें पूरी बेबाकी से रखीं. कहा कि नेताओं के चुनावी वायदों में किसान हित ऊंचे पायदान पर होता है, लेकिन अमूमन बजट से किसान को कुछ खास नहीं मिल पाता है. हालांकि, परिचर्चा में शामिल किसान इस बार के बजट को लेकर काफी उम्मीदों में दिखे. किसान ऋण माफ हो, स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू हो, किसानों को समय पर खाद, फ्री बिजली, सिंचाई के लिए पानी मिले.. इसपर किसान एकराय दिखे. आयात, निर्यात का शुल्क बढ़ाने की मांग किसानों ने परिचर्चा के माध्यम से की. ताकि किसानों को इसका लाभ मिल सके. खड्डा के किसान भुनेश्वर प्रसाद ने कहा कि किसानों को खाद, पानी सही समय और सही दाम पर मिले, बस यहीं अपेक्षाएं हैं. वहीं किसान हृदनारायण प्रसाद ने राजस्व रसीद में एकाएक पांच गुना वृद्धि का मुद्दा उठाया. किसान दर्शन पासवान ने उम्मीद जताया कि सरकार किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए नए कदमों का ऐलान करेगी. वहीं किसान अरविंद कुमार चौधरी ने कहा कि सरकार पुरानी, अप्रासंगिक और बेकार नीतियों को बदले. सरकार को वैसे कदम उठाने चाहिए जिससे किसान आत्महत्या करना बंद कर दें. उनके जीवन स्तर में कैसे सुधार लाया जाए, इसकी ओर जोर देना चाहिए.
यांत्रिकी मेला में दुकानों के लगे स्टॉल : राजन ितवारी
जिला व प्रखंड स्तर पर लगने वाले कृषि यांत्रिक मेले में विभाग की ओर से कुछ चयनित दुकानों का ही स्टॉल लगाया जाता है. जहां बाजार से महंगे दामों पर कृषि यंत्र मिलते हैं. इसमें कमीशनखोरी चलती है. इसपर रोक लगे. बजट से यही अपेक्षाएं है कि बिजली चलित पंपसेट किसानों को सब्सिडी पर मिले. ताकि डीजल के बढ़ते दामों से राहत मिले. हालांकि किसानों को बिजली मुफ्त देना होगा.
परिचर्चा में आज
बजट पर आयोजित परिचर्चा की अंतिम कड़ी में आज यानि मंगलवार को गृहणियों के साथ बातें होंगी. गृहणियों की बजट से क्या अपेक्षाएं हैं…इसपर उनसे बात होगी. व्हाट्सएप के जरिए भी महिलाएं अपनी बात हमतक पहुंचा सकते हैं. व्हाट्सएप नंबर 8521544571