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पिड़ारी पैक्स में घोटाला उजागर, होगी प्राथमिकी

बेतिया : मैनाटांड प्रखंड के पिड़ारी गांव स्थित पैक्स में घोटाला उजागर हुआ है. खुलासा हुआ है कि पैक्स में किसानों के फरजी खाता खुलवाकर, फरजी तरीके से धान खरीद दिखाकर और फिर फरजी चेक के माध्यम से सरकारी राशि का गबन किया गया है. इस घोटाले में तत्कालीन पैक्स अध्यक्ष ईश्वर चंद्र प्रसाद, पैक्स […]

बेतिया : मैनाटांड प्रखंड के पिड़ारी गांव स्थित पैक्स में घोटाला उजागर हुआ है. खुलासा हुआ है कि पैक्स में किसानों के फरजी खाता खुलवाकर, फरजी तरीके से धान खरीद दिखाकर और फिर फरजी चेक के माध्यम से सरकारी राशि का गबन किया गया है.

इस घोटाले में तत्कालीन पैक्स अध्यक्ष ईश्वर चंद्र प्रसाद, पैक्स सदस्य रामजी प्रसाद व नेशनल कॉपरेटिव बैंक शाखा-नरकटियागंज के तत्कालीन शाखा प्रबंधक की संलिप्तता उजागर हुई है. डीएम लोकेश कुमार ने इन सभी के खिलाफ प्राथमिकी कराने का निर्देश दिया है. पिड़ारी पैक्स की ओर से वर्ष-2011-12 में किसानों के धान खरीद की गयी थी. इस मामले में अब किसानों से फर्जी धान क्रय करने, किसानों के नाम फर्जी खाता खोलने एवं फर्जी चेक के माध्यम से राशि का गबन कर लिये जाने का मामला उजागर हुआ है. डीएम ने जिला सहकारिता पदाधिकारी को इस मामले में प्राथमिकी कराने का निर्देश दिया है.
पिड़ारी ग्राम के राजू प्रसाद द्वारा पिड़ारी पैक्स के तत्कालीन अध्यक्ष ईश्वरचंद प्रसाद, पैक्स सदस्य रामजी प्रसाद एवं तत्कालीन शाखा प्रबंधक नेशनल कॉपरेटिव बैंक शाखा-नरकटियागंज के खिलाफ पैक्स की राषि का दुरुपयोग करने, किसानों के साथ धोखाधड़ी की जांच करने के लिए डीएम को परिवाद पत्र समर्पित किया था. उक्त के संदर्भ में डीसीओ एवं डीएसओ से जांच करायी गयी. मामला सही पाया गया.
सात पीएचसी प्रभारियों से मांगा स्पष्टीकरण : बेतिया. सिविल सर्जन डाॅ अनिल कुमार सिन्हा ने सात प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा पदाधिकारी से स्पष्टीकरण की मांग की है. उन्होंने कहा है कि योगापट्टी, भितहां, नरकटियागंज,नौतन, मैनाटांड़, लौरिया, चनपटिया के चिकित्सा पदाधिकारी से भंडार से सबंधित साक्ष्य की मांग की गयी थी़ मांग करने के बाद भी इन चिकित्सा पदाधिकारी की ओर से भंडार से संबंधित साक्ष्य उपलब्ध नहीं कराया गया़ जिसको लेकर स्पष्टीकरण की मांग किया गया है़
समय के अंदर साक्ष्य उपलब्ध नहीं कराया जाता है तो इन सभी भंडारपाल के वेतन निकासी पर रोक लगा दी जायेगी़ यहां बता दें कि 2014-15 में 33.77 लाखों की दवा खरीदारी के मामले में धांधली मिली थी़ इस मामले को गंभीरता से लेते हुए स्वास्थ्य विभाग के अपर निदेशक रामेश्वर प्रसाद दास ने सिविल सर्जन को भेजे पत्र किये गये कार्रवाई की मांग की थी.

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