भाग्यशाली हैं चंपारणवासी
बेतियाः मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जब गुरुवार को जगदीशपुर में संकल्प सभा के दूसरे दिन मंच पर आये तो चंपारण के बखान से ही अपनी भाषण की शुरुआत की. उन्होंने कहा कि चंपारण की मिट्टी को प्रणाम करते हैं. इस धरती से आज तक जो भी काम की शुरू किया उसमें सफलता जरूर मिलती है. चंपारण […]
बेतियाः मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जब गुरुवार को जगदीशपुर में संकल्प सभा के दूसरे दिन मंच पर आये तो चंपारण के बखान से ही अपनी भाषण की शुरुआत की. उन्होंने कहा कि चंपारण की मिट्टी को प्रणाम करते हैं. इस धरती से आज तक जो भी काम की शुरू किया उसमें सफलता जरूर मिलती है. चंपारण की मिट्टी में पैदा लेने होने वाला हर व्यक्ति भाग्यशाली है. संकल्प यात्र की शुरुआत पिछले वर्ष सात दिसंबर से बगहा से ही शुरू की थी. 2009 में विकास यात्र की शुरुआत भी बगहा के पतिलार से किया था.
इस दौरान रतवल के समीप पुल का शिलान्यास भी किया था. आज वह पुल बन कर तैयार भी हो गया है. बेतिया- गोपालगंज को जोड़ने वाले पुल का भी निर्माण चल रहा है. लगभग 80 प्रतिशत काम भी पूरा हो चुका हैं. उन्होंने कहा कि गांधी की राह पर चलना ही उन्हें पसंद है. हिंसा उन्हें पसंद नहीं हैं. इसलिए ही बिहार के विशेष राज्य के दर्जा के लिए जब इधर आंदोलन हुआ तो वे पटना के गांधी मैदान में स्थित गांधी की 72 फीट लंबी प्रतिमा के नीचे बैठ कर सत्याग्रह आंदोलन किये. ताकि पूरे देश में यह बात जाये कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलना ही चाहिए.
भाजपा के नये अवतार से उत्पन्न हुआ टकराव
भाजपा के लोग हमारे साथ सरकार में थे. सबकुछ अच्छा चल रहा था. लेकिन भाजपा के नये अवतार से ही टकराव उत्पन हो गया.मुख्यमंत्री ने कहा कि वे उस भाजपा को पसंद करते थे. जिसके नेता अटल बिहारी थे. सीएम ने कहा कि वे चाहते हैं कि समाज में सद्भाव के साथ विकास हो. टकराव के रास्ते भारत को मजबूत नहीं बना सकते हैं. सिद्धांत के चलते वे भाजपा से अलग हुए हैं. उन्होंने भाजपा के घोषित प्रधानमंत्री पर बिना नाम रखे कहा कि वे कह रहे हैं कि बिहार में बिजली कब आयी यह खबर हैं. लेकिन बिहार की स्थिति शायद उन्हें नहीं पता हैं कि अब बिहार बदल गया है. बिजली में भी सुधार हो ही गयी है. 2015 तक हर गांव व कस्बों में बिजली पहुंच जायेगी.