अनुबंध पर कर रहे काम, तो निकाय चुनाव नहीं लड़ सकते

निकाय चुनाव 2017 चुनाव आयोग ने तय की नप प्रत्याशियों की अर्हता सरकारी वकील व पीपी भी चुनाव लड़ने से हुए वंचित न्यायमित्र, शिक्षा मित्र, विकास मित्र नहीं लड़ पायेंगे चुनाव बेतिया : नगर परिषद चुनाव को लेकर सरगरमी जोरों पर है. संभावित उम्मीदवार अभी से मैदान में कूद पड़े हैं. कुछ ऐसे है, जो […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 6, 2017 5:22 AM

निकाय चुनाव 2017

चुनाव आयोग ने तय की नप प्रत्याशियों की अर्हता
सरकारी वकील व पीपी भी चुनाव लड़ने से हुए वंचित
न्यायमित्र, शिक्षा मित्र, विकास मित्र नहीं लड़ पायेंगे चुनाव
बेतिया : नगर परिषद चुनाव को लेकर सरगरमी जोरों पर है. संभावित उम्मीदवार अभी से मैदान में कूद पड़े हैं. कुछ ऐसे है, जो अभी मन बना रहे हैं. नतीजा निर्वाचन कार्यालय में पूरे दिन पूछताछ जारी है. सबसे ज्यादा पूछे जाने सवालों में प्रत्याशियों की योग्यता से संबंधित प्रश्न है. इसको लेकर आयोग ने नगर निकाय चुनाव चुनाव के लिए प्रत्याशियों की अर्हता निर्धारित कर दी है.
इसके अनुसार कोई भी आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका, विशेष शिक्षा परियोजना, साक्षरता अभियान, विशेष शिक्षा केंद्रों में मानदेय पर कार्यरत अनुदेशक, नगरपालिका या पंचायत के अधीन मानदेय या अनुबंध पर कार्यरत शिक्षा मित्र, न्याय मित्र, विकास मित्र या अन्य कर्मी, पंचायत में मानदेय पर काम करनेवाले दलपति, होमगार्ड के जवान, सरकारी वकील व लोक अभियोजक चुनाव नहीं लड़ सकते हैं. खास यह है कि जिन लोगों के वार्ड सदस्य का चुनाव लड़ने पर रोक लगायी गयी वे सभी किसी प्रत्याशी के प्रस्तावक और समर्थक भी नहीं हो सकते हैं. अगर वह उस वार्ड विशेष की मतदाता सूची में निबंधित हो,
जहां से कोई प्रत्याशी नामांकन करना चाहता है. दूसरे वार्ड में निबंधित व्यक्ति अन्य वार्ड के प्रत्याशी का प्रस्तावक या समर्थक नहीं बन सकता है. प्रस्तावक व समर्थक के लिए आवश्यक है कि वह मतदान की योग्यता रखता हो. एक वार्ड में ही कोई प्रस्तावक उसी वार्ड में किसी दूसरे प्रत्याशी की प्रस्तावक या समर्थक नहीं हो सकता. जिस वार्ड के लिए वह प्रस्तावक या समर्थक बन रहा है वह उस वार्ड से खुद प्रत्याशी नहीं होना चाहिए. भारत की नागरिकता आवश्यक है.
नामांकन पत्रों की जांच की पहली तिथि को 21 वर्ष वर्ष से कम उम्र का नहीं होना चाहिए.
इसके अलावे कोई भी व्यक्ति नगरपालिका का निवासी है पर उसके नाम पर कोई होल्डिंग या दुकान नहीं है जिसके कारण उसे संबंधित नगरपालिका में कोई कर का भुगतान नहीं करना पड़ता है. ऐसे लोगों को शपथ पत्र देना होगा.
यह कर सकते हैं चुनाव में दावेदारी : आयोग से जारी निर्देश के मुताबिक, वह व्यक्ति केंद्र या राज्य सरकार या किसी अन्य स्थानीय प्राधिकार की सेवा में नहीं हो.
वह किसी ऐसे संस्थान में सेवारत नहीं हो, जिसे केंद्र या राज्य सरकार या किसी स्थानीय प्राधिकार से सहायता मिलती हो. वह किसी सक्षम न्यायालय से विकृत चित्त का नहीं होना चाहिए. वह किसी केंद्र, राज्य या स्थानीय प्राधिकार की सेवा से अवचार के लिए पदच्युत नहीं हो व लोक सेवा में नियोजन के लिए अयोग्य घोषित नहीं किया जा चुका हो. भारत के अंदर या बाहर राजनीतिक अपराध से अलग किसी अपराध के लिए, किसी कोर्ट द्वारा छह महीने से अधिक अवधि के कारावास नहीं मिला हो. अगर छह माह से अधिक के कारावास तथा अच्छे व्यवहार के लिए जमानत देने का आदेश दिया गया हो, तो जिसे वाद में उलट दिया गया हो. किसी आपराधिक कांड का अभियुक्त होने के कारण छह माह से अधिक समय से फरार नहीं हो. निकाय चुनाव या उप चुनाव में भ्रष्ट आचरण का दोषी नहीं माना गया हो, निकाय के बकाये सभी करों का भुगतान कर दिया हो.

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