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लौकरिया पहुंच समस्याओं से रूबरू हुए ”गांधी”

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चंपारण शताब्दी समारोह. एसडीओ ने भी देखे किसानों के हालात, बोले दूर करेंगे सबकी परेशानियां बैरिया/बेतिया : 22 अप्रैल 1917 को बेतिया पहुंचे मोहन दास करमचंद गांधी नीलहों के आतंक से त्रस्त यहां के रैयतों व किसानों को हर हाल में मुक्ति दिलाना चाहते थे. वह भली-भांति जानते थे कि यहां के किसान नील की […]

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चंपारण शताब्दी समारोह. एसडीओ ने भी देखे किसानों के हालात, बोले दूर करेंगे सबकी परेशानियां

बैरिया/बेतिया : 22 अप्रैल 1917 को बेतिया पहुंचे मोहन दास करमचंद गांधी नीलहों के आतंक से त्रस्त यहां के रैयतों व किसानों को हर हाल में मुक्ति दिलाना चाहते थे. वह भली-भांति जानते थे कि यहां के किसान नील की खेती की आड़ में मारे जा रहे हैं. उनसे तमाम तरह के कर वसूले जा रहे हैं. इससे मुक्ति के लिए सत्याग्रह ही एकमात्र हथियार है.
23 अप्रैल को एसडीओ लेविस को लौकरिया जाने की सूचना देने के बाद गांधी जी भी अगले दिन का इंतजार करते हैं. आज 24 अप्रैल 2017 दिन सोमवार है. हजारीमल धर्मशाला से गांधी के प्रतिरूप लौकरियां के लिए निकल चुके हैं. साथ में लोगों का हुजुम है. लौकरिया आने पर गांधी का भव्य स्वागत होता है. एसडीओ लेविस का किरदार निभा रहे एसडीएम सुनील कुमार भी पहुंचते हैं…..
एसडीओ: हैलो मिस्टर गांधी! आपके कथनानुसार मैं लौकरिया आ गया हूं. आपने यहां का मुआयना किया होगा. क्या देखा?
गांधी: मजिस्ट्रेट(एसडीओ) साहब! आपकी कोठी के किसान नीलहों के आतंक से त्रस्त हैं. यहां के पूरे इलाके इजहार मै कर चुका हूं. आप बैठिये, देखिये यहां के किसान कितने त्रस्त है. इसके बाद मैं शिवराजपुर भी जाऊंगा. आपकी सरकार में किसान परेशान है. यहां के लोगों के हस्ताक्षरयुक्त आवेदन मिले हैं. इसे मैं आपको सौंप रहा हूं. आशा है कि सार्थक परिणाम आयेगा.
एसडीओ: ओके मिस्टर गांधी. मैं अब चलता हूं.
सौ साल पहले चंपारण आये गांधी और एसडीओ लेविस के बीच लौकरिया में हुए कुछ ऐसे ही संवाद को जीवंत करने का प्रयास सोमवार को सौ साल बाद दिखा. गांधी के प्रतिरूप बने शिक्षक संजीव यहां की समस्याओं से रूबरू हुए और एसडीओ लेविस का किरदार निभा रहे एसडीएम सुनील कुमार को समस्याओं का पुलिंदा थमा दिया.
खास यह रहा कि सौ साल बाद आज पुन: दुहराए गए इतिहास में गांधी के प्रतिरूप बने शिक्षक संजीव ने बैरिया के लौकरिया गांव पहुंचे और फिर उसी चिर प्रति अंदाज में वहां के किसानों ने गांधी को अपने समस्या से अवगत कराते हुए आवेदन गांधी को दिया. जिसे गांधी ने स्वीकार करते हुए उस आवेदन को एसडीओ सुनील कुमार को दिया. अंदाज वहीं था और व्यथा भी कुछ वैसा ही. यह सभी कार्यक्रम तब के गांधी के साथी रहे खेनर राव के घर के सामने किया गया. खेनर राव वहीं थे, जो गांधी को हजारीमल धर्मशाला से लेकर लौकरियां तक पहुंचे थे और न सिर्फ यहां के किसानों की समस्याओं को दिखाया था. बल्कि अपने घर में भी गांधी को ठहराया था.
आज सौ साल बाद खेनर राव के दरवाजे पर आयोजित इस कार्यक्रम में गांधी के प्रतिरूप बने शिक्षक संजीव के सामने स्थानीय लोगों से लेकर शिक्षक संगठन, नेताओं ने बारी-बारी से यहां की समस्याएं उठायी और उम्मीद जताई कि यह समस्या दूर होंगी. यहां कार्यक्रम को संबोधित करते हुए माले नेता सुनील राव ने अपनी बात रखते हुए कहा कि पहले अंग्रेज हुकूमत करते थे, अब सरकार के अफसरान हुकूमत करते है. उन्होंने अफसरान की हुकुमत समाप्त करने की बात कही.
स्वतंत्रता सेनानियों के शिलापट्टों को गांधी ने किया नमन : लौकरिया पहुंचे गांधी के प्रतिरूप ने यहां स्मृति चिन्ह पर माल्यार्पण व पुष्प अर्पित किया. वहीं शहीद स्वतंत्रता सेनानी जगरनाथ पुरी के प्रतिमा पर भी माल्यार्पण किया. इस दौरान महात्मा गांधी अमर रहे.. के नारे लगाये जा रहे थे. गांधी के साथ पहुंचे अन्य लोगों ने भी स्मृति चिन्ह को नमन किया. इसके पूर्व बैरिया प्रखंड मुख्यालय के मुख्य द्वार पर स्वतंत्रता सेनानियों की याद में लगाए गए शिलापट्टों तक पहुंच गांधी के प्रतिरूप ने वहां पुष्पाजंलि अर्पित की. यह शीलापट्ट को भारत की आजादी के 25 वर्ष पूरे होने पर राष्ट्र की ओर से भारत सरकार द्वारा 16 अगस्त 1972 ई. लगाया गया था.
जिसपर एक तरफ स्वतंत्रता सेनानियों का नाम अंकित है. जिसमें एक तरफ स्वतंत्रता सेनानियों लक्ष्मण प्रसाद, इंद्रासन राव, खेनर राय, बिंदेश्वरी राव, रघुनी राम, पंडित सुदामा मिश्र, राजा सिंह, रामलगन बीन, मुंशी लाल तिवारी का नाम अंकित किया गया है तथा दूसरी तरफ भारत के संविधान को अंकित किया गया. बैरिया से लेकर लौकरिया तक लोगों ने गांधी का स्वागत किया. इसके बाद वे शिवराजपुर की ओर चले गये.
अर्द्धनग्नवस्था में शिक्षकों ने ‘गांधी’ को सौंपा ज्ञापन: शिक्षक संघ ने गांधी के स्वागत में अर्द्धनग्न होकर हाथों में बेनर पोस्टर के साथ खड़े दिखे. जिसपर शिक्षक तेरे देश में भिखारी के भेश में… जैसे स्लोगन लिखे हुए थे. शिक्षक ने भी गांधी को एक ज्ञापन देकर अपनी मांगों को सरकार के पूरा करने की बात रखी तथा सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का तत्काल लागू करने व फर्जी सेवा शर्त नियमावली वापस लेने की बात कहीं. मौके पर राजेश खां, मंजूर आलम, मोजाहिद अनवर, सोनेलाल पासवान, नवीन कुमार, नंदकिशोर यादव आदि उपस्थित थे.
नौतन : आजादी के सौ साल बाद चंपारण सत्याग्रह शताब्दी को सफल बनाने व गांधी के आगम को लेकर पूरा नौतन प्रखंड सोमवार को शिवराज पुर गांव मे उतर आया. जैसे ही गांधी जी शिवराजपुर पहुंचे कि गांव के लोगों का हुजूम एक झलक पाने के लिए उमड़ पडा़
प्रशासनिक पदाधिकारी एसडीओ सुनील कुमार एसडीपीओ संजय कुमार झा बीडीओ कृष्णा राम, सीओ श्यामाकांत, थानाध्यक्ष कुंदन कुमार सिंह सहित जिले के कई पदाधिकारी उपस्थित होकर गांधी के आने से पहले लोक जन शिकायत निवारण केन्द्र के तहत् लोगों के जनसमस्याओं का आवेदन लिया तथा जल्द ही उसका निराकरण की बात कही.
अपने संबोधन मे गांधी जी ने कहा कि कभी पूजनीय बापू इस गांव के धरती पर आकर किसानों की समस्या सुन अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलन चलाया था. जिसमे हम सभी भारतवासी एक साथ रहकर देश को अंग्रेजों से मुक्ति दिलाई. आज फिर समय आ गया है कि बापू के सत्य अहिंसा के बताये मार्ग पर चले और हर घर जल-नल, स्वच्छता, बिजली सड़क , बुनियादी शिक्षा सहित अपने गांव समाज को आपसी भाईचारा बनाकर चले. क्योंकि अब यहां अंग्रेजों का शासन नहीं है.
अब हमारे ही देश के पदाधिकारी व नेता है. इसलिए राष्ट्र की एकता व अखंडता को कायम रखें. मौके पर समन्यवक ज्योति कुमारी, मुखिया शिम्पू मिश्रा, इसलाम, रामाधार राम, देवेन्द्र राव, विरेन्द्र सिंह सहित प्रखंड व अंचल के कई सरकारी कर्मी मौजूद रहे.

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