नरकटियागंज : सूबे की ये पहली सड़क होगी जिस पर साल भर कोई सवारी फर्राटा भरती नजर आये. बनने के साथ ही टूटने वाली और गढ्ढे में तब्दील होने वाली सड़क का नाम है नरकटियागंज-बलथर रोड. जी हां! इस सड़क का निर्माण वर्ष 2019 के दिसंबर माह में पूरा हुआ. नरकटियागंज से सिकटा तक सड़क निर्माण पर सरकार ने करोड़ों रुपये खर्च किए लेकिन वर्तमान समय ये सड़क कही से भी चलने लायक नहीं है.
वाहनों के हिचकोले और उन पर सवार यात्रियों की सांसे अक्सर थम सी जाती है. नरकटिया फार्म से लेकर मथुरा चौक और सियरही गांव तक सड़क चलने लायक नहीं बची है. स्थानीय लोगों का कहना है कि हर बार रोड बनता है और छह माह के अंदर ही टूट जाता है. इस पर न तो विभाग का ध्यान रहता है और न ही स्थानीय जन प्रतिनिधियों का.
भसुरारी गांव के हेमेंद्र त्रिपाठी बताते है कि पिछले दस सालों में ये सड़क कई बार बनी लेकिन स्थिति जस का तस है. वही शिक्षक राजेश कुमार बताते है कि दुख होता है जब सिस्टम लाचार हो और सड़कें आंखों के सामने ही बदहाल हो जाय और विभाग कुछ भी पहल नहीं करें.
वर्ष 2019 में नरकटियागंज बलथर रोड को आरडब्लूडी ने पथ निर्माण विभाग को हैंड ओवर किया था. विभागीय स्तर पर सड़क को दुरुस्त करने और गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण हो सके पथ निर्माण विभाग ने पहल भी की लेकिन मामला अधर में लटका हुआ है. अब चुकी सड़क की स्थिति दयनीय हो चली है लोगों में उबाल चरम पर है.
posted by ashish jha