बिहार में स्कूल-ऑफिस के पास यहां भालू घूम रहा, नेपाल से आए हाथियों से भी सहमे हैं गांव के लोग…

बिहार के पश्चिम चंपारण जिले में इन दिनों बाघ, भालू और जंगली हाथियों का भय लोगों को सता रहा है. जानिए कहां ये जानवर डेरा डाले हुए हैं.

By ThakurShaktilochan Sandilya | July 19, 2024 1:07 PM

बिहार के पश्चिम चंपारण जिले में इन दिनों बाघ, भालू और हाथियों की दस्तक से लोग सहमे हुए हैं. वाल्मीकिनगर में जटाशंकर चेक नाका से अतिथि भवन जाने वाले मार्ग में लोग भालू को विचरण करते हुए देखते हैं. ये भालू अभी हिंसक तो नहीं दिखे लेकिन उनका स्वभाव हिंसक ही होता है जिससे लोगों को अनहोनी का भय है. उधर,वाल्मीकि व्याघ्र परियोजना के जंगल में पिछले कुछ दिनों से नेपाल से आए जंगली हाथियों से लोग डरे हुए हैं.

जटाशंकर चेक नाका से अतिथि भवन जाने वाले मार्ग में विचरण करता भालू

वाल्मीकि टाइगर रिजर्व वन प्रमंडल दो वाल्मीकिनगर वन्य क्षेत्र से सटे रिहायशी इलाकों और सरकारी दफ्तरों की जांच का जिम्मा इन दिनों वीटीआर के भालू ने संभाल रखा है. यह भालू लगातार दिन और रात हर क्षेत्र में चहलकदमी कर रहा है. उक्त भालू जल संसाधन विभाग के कार्यालय, अतिथि भवन, जटाशंकर चेक नाका, वाल्मीकि विहार होटल, स्टेट बैंक परिसर, अस्पताल रोड, विद्यालय, अभियंताओं के निवास, इको पार्क सहित गंडक कॉलोनियों में लगातार विचरण कर रहा है. मानो इसे इन सभी दफ्तर, निवास स्थान आदि का निरीक्षण का जिम्मा मिल गया हो.

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आम खाने के लालच में घूम रहे भालू

यहां आए भालू को ना तो इंसानों से डर है और ना ही इसे किसी अन्य जानवरों से कोई डर भय है. वहीं ग्रामीण सहित पर्यटक भी मजे से इसका फोटो लेते हैं. हालांकि स्वभाव से भालू हिंसक और शरारती होते हैं. परंतु ऐसा महसूस होता है कि इस भालू को इंसानों के समीप रहना अच्छा लगता हो. अब तक किसी भी मनुष्य या जानवर पर हमलावर नहीं हुआ है. फिर भी स्वभाव से हिंसक होने के कारण ग्रामीणों में भय व्याप्त है. इस बाबत पूछे जाने पर वाल्मीकिनगर रेंजर राज कुमार पासवान ने बताया कि रिहायशी क्षेत्र से वन क्षेत्र खुला और सटे होने के कारण वन्यजीव कभी कभी रिहायशी क्षेत्र में आ जाते हैं. लोग सजग और सतर्क रहें. साथ ही उन्होंने बताया कि अभी आम का सीजन है और भालू को आम खाना बहुत ही पसंद है. आम खाने के लालच में भालू रिहायशी क्षेत्र की ओर अपना रुख कर रहे हैं.

नेपाल से आए जंगली हाथियों का भय सता रहा

इधर, वाल्मीकि व्याघ्र परियोजना के जंगल में पांचवें दिन भी पड़ोसी देश नेपाल चितवन राष्ट्रीय निकुंज से भटककर टाइगर रिजर्व में आए नेपाली जंगली हाथी निर्भीक रूप से टाइगर रिजर्व की खूबसूरत वादियों में विचरण कर रहे हैं. नेपाल के वन्यजीवों में बाघ, गैंडा और हाथियों को टाइगर रिजर्व रास आने लगा है. इसी क्रम में वीटीआर वन क्षेत्र के वाल्मीकिनगर और गोनौली वन क्षेत्र के सीमा क्षेत्र में हाथियों को देखा गया हैं. जिसको लेकर वन प्रशासन ने वन कर्मियों की टीम को हाई अलर्ट करते हुए चौकसी बढ़ा दी गयी है.

वन कर्मियों की टीम को हाई अलर्ट पर रखा गया

इस संबंध में वीटीआर के वन संरक्षक सह क्षेत्र निदेशक डॉ. नेशामणि ने बताया कि नेपाल से वाल्मीकिनगर वन क्षेत्र व गोनौली वन क्षेत्र में हाथियों की चहलकदमी की सूचना मिली है. सूचना को गंभीरता से लेते हुए वाल्मीकिनगर रेंज के रेंजर के नेतृत्व में वन कर्मियों की टीम को हाई अलर्ट पर रखा गया है. हाथियों का झुंड वीटीआर में परेवादह, मोटर अड्डा, भालू थापा क्षेत्र में लगातार विचरण कर रहा है. जिसका मॉनिटरिंग वन कर्मी लगातार कर रहे हैं. जबकि टाइगर रिजर्व के हाथी सुरक्षा के दृष्टिकोण से कौशल विकास केंद्र में रहने को मजबूर है.

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