बेतिया. कौन कहता है बेटियों के घर में आने से खुशियां नहीं मिलती. खुशियां तो ऐसी होनी चाहिए कि एक मिसाल कायम हो सके. ऐसा ही कुछ कर दिखाया है मैनाटांड़ प्रखंड के टोला चपरिया पैक्स अध्यक्ष शेषनाथ कुमार ने. बिहार के बेतिया में बेटी पैदा होने पर जश्न मनाने का जो तरीका उसके पिता ने चुना, वो अब चर्चा का विषय बन गया है. पैक्स अध्यक्ष शेषनाथ कुमार की इस पहल की चारों तरफ तारीफ हो रही है. उन्होंने अपनी दूसरी बिटिया के जन्म होने पर इतनी खुशी हुई कि बेटी को अस्पताल से घर लाने के लिए कार को दुल्हन की तरह पहले सजाया. फिर उसमें अपनी नवजात बच्ची को बिठाकर हेल्थ सेन्टर से घर पहुंचे.
घर पहुंचते ही बिटिया को और उसकी मां आरती कुमारी को परिजनों ने स्वागत कर घर में फीता कटवा घर में अंदर प्रवेश कराया. वहीं, अस्पताल से लेकर गांव तक लोगों में मिठाइयां बांटी और खुशी का इजहार किया. अपनी दूसरी बेटी श्रेया श्रेयंसी के जन्म पर सम्मान देने से प्रशासन भी इनके इस सराहनीय कदम को गंभीरता से लिया है. सोमवार को बीडीओ पंकज कुमार ने पैक्स अध्यक्ष शेषनाथ कुमार को बुलाकर बधाई दी. कहा कि उन्होंने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान को एक नयी दिशा दी है. बच्ची के पिता ने बताया कि मेरे घर झांसी की रानी लक्ख्मी बाई जैसी बेटी आयी है. ये मेरी दूसरी बेटी है, हर व्यक्ति को बेटियों के जन्म के प्रति नजरिया बदलना चाहिए.
जिला प्रशासन की ओर से उन्हें सम्मानित करने के लिए पूरा बायोडाटा मांगा गया है. जिला प्रशासन की ओर से दंपति को सम्मानित किया जायेगा. पैक्स अध्यक्ष शेषनाथ कुमार ने बताया कि बेटी ही मेरे लिए सबकुछ है. बेटा-बेटी में कोई फर्क नहीं है. उधर, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ विजय कुमार चौधरी ने बताया कि दूसरी बेटी के जन्म में दो साल का अंतर है, जो अच्छी बात है. पहली बेटी को भी हेल्थ सेंटर पर पूरा टीकाकरण करवाना दूसरे के लिए प्रेरणा की बात है.