वालमिकी नगर टाइगर रिजर्व : चीते से हुई लड़ाई में तेंदुए ने गंवाई जान, पहले भी हो चुकी है मौत
वालमिकी नगर टाइगर रिजर्व में वन विभाग के अधिकारियों को तेंदुए का शव नियमित जांच के दौरान मिला. मृत तेंदुआ चार वर्ष का नर था. मौत के कारणों का पता करने के लिए तेंदुए के विसरा को जांच के लिए देहरादून भेजा जाएगा.
बिहार के वाल्मीकि नगर टाइगर रिजर्व क्षेत्र में एक बार फिर से वन विभाग के लोगों को चार वर्षीय नर तेंदुए का शव मिला है. पिछले कुछ महीने से विटीआर में हो रहे तेंदुए की मौत की वजह से कई तरह की शंकाएं उठ रही है. इस मामले में वन विभाग के अधिकारियों का कहना है की तेंदुए की मौत चीते के साथ हुई लड़ाई में हुई है. हालांकि इसके सही कारण की पुष्टि पोस्टमार्टम के बाद ही हो पाएगी.
चीते के साथ झड़प मौत का कारण
वालमिकी नगर टाइगर रिजर्व में कार्यरत वन विभाग के अधिकारियों ने बताया की जंगल क्षेत्र के भालू थापा के पास से तेंदुए का शव बरामद हुआ है. वहीं इस मामले में वालमिकी नगर के वाइल्ड लाइफ संरक्षक और फील्ड डायरेक्टर का कहना है की पहली नजर में तो मौत का कारण चीते के साथ हुए झड़प का लगता है क्योंकि तेंदुए के शरीर पर कई निशान है.
विसरा को जांच के लिए देहरादून भेजा जाएगा
वन विभाग के अधिकारियों को तेंदुए का शव नियमित जांच के दौरान मिला. मृत तेंदुआ चार वर्ष का नर था. मौत के कारणों का पता करने के लिए तेंदुए के विसरा को जांच के लिए देहरादून भेजा जाएगा. वालमिकी नगर पहले भी इस तरह की घटनाएं सामने आ चुकी है. इससे पहले मई महीने में भी तेंदुए का शव मिला था. इसके पूर्व जनवरी में रामनगर में भी एक तेंदुए का शव मिला था. वहीं उससे पहले पिछले वर्ष दिसंबर माह में भी विटीआर (वालमिकी नगर टाइगर रिजर्व) में तेंदुए का शव बरामद हुआ था.
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पहले भी हो चुकी है मौत
वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में बड़ी बिल्लियों की प्रजाति के जानवरों की अनुमानित आबादी अभी 40 है जबकि तेंदुओं की कुल संख्या 98 है. लेकिन यह भी पिछले कुछ समय से घट रही है. तेंदुए की लगातार हो रही मौत ने वन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा कर दिया है.