बगहा में हादसे के बीच नई जिंदगी, ऑटो पलटने के बाद घायल महिला ने घटनास्थल पर ही दिया बच्चे को जन्म
बगहा में प्रसव पीड़ा से पीड़ित एक महिला सुरक्षित प्रसव के लिए ऑटो से अनुमंडलीय अस्पताल जा रही थी, तभी रास्ते में ऑटो अनियंत्रित होकर पलट गयी. कुछ देर बाद प्रसव पीड़ा से पीड़ित महिला ने नवजात शिशु को जन्म दिया
जाको राखे साइयां मार सके ना कोई, यह बात एक प्रसव पीड़ा महिला के साथ हुई ऑटो दुर्घटना से साबित हो गई है. दरअसल, बगहा में गुरुवार की रात प्रसव पीड़ा से पीड़ित एक महिला को अस्पताल ले जा रहा ऑटो डिग्री कॉलेज के पास अनियंत्रित होकर पलट गया. इस हादसे में एक महिला समेत चार लोग घायल हो गये. लेकिन, इस दौरान एक चमत्कार भी हुआ, मां ने सड़क पर ही बच्चे को सुरक्षित जन्म दे दिया.
अस्पताल जाने के दौरान पलटा ऑटो, सड़क पर ही दिया जन्म
दरअसल, नगर थाना क्षेत्र के बड़गांव चौतरवा निवासी दुर्गेश राम की पत्नी इंदु देवी की प्रसव पीड़ा होने पर सास शीला देवी, रेणु देवी, आशा मीना देवी के साथ सुरक्षित प्रसव कराने को लेकर ऑटो में सवार होकर बगहा अनुमंडलीय अस्पताल आ रही थी. इसी क्रम में रास्ते में डिग्री कॉलेज के समीप अचानक ट्रैक्टर-ट्रॉली से साइड लेने के क्रम में ऑटो अनियंत्रित होकर पलट गया. इसके पश्चात ही प्रसव पीड़ित महिला ने घटनास्थल सड़क पर ही नवजात शिशु को जन्म दिया.
बच्चे की मां समेत चार हुए घायल
वहीं ऑटो पलटने से प्रसव पीड़ित महिला समेत ऑटो में सवार चार महिला जख्मी हो गए. इस दुर्घटना में प्रसव पीड़ित महिला इंदु देवी ने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया. आशा कर्मी जख्मी होने के बावजूद भी प्रसव के दौरान पूरी सहायता की. वहीं दुर्घटना को देख आस पास के लोगों ने इसकी सूचना बगहा अनुमंडलीय अस्पताल को दी. सूचना पर अस्पताल से एंबुलेंस घटनास्थल पहुंचकर सभी घायलों को इलाज के लिए अस्पताल लाई. जहां चिकित्सक डॉ. चंदन कुमार ने घायलों का इलाज किया.
प्रसव पीड़ित महिला बेहतर इलाज के लिए बेतिया हुई रेफर
वहीं प्रसूता महिला की गंभीर चोट देखते हुए बेहतर इलाज के लिए जीएमसीएच बेतिया रेफर कर दिया गया. बता दें कि इंदु की शादी उत्तर-प्रदेश के बाराबंकी निवासी दुर्गेश से हुई है. वह अपने मायके बड़गांव आयी थी. चिकित्सक ने बताया कि शेष घायलों में आशा मीना देवी, प्रसव पीड़ित की मां शीला देवी व रेणु देवी का अस्पताल में इलाज चल रहा है. सभी खतरे से बाहर है. वहीं नवजात शिशु सुरक्षित है तथा अन्य महिला खतरे से बाहर है.
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इनपुट: चंद्रप्रकाश आर्य, बगहा