पटना. साइबर फ्रॉड की तलाश में चंडीगढ़ एसआईटी पटना पहुंची है. 10 सदस्यीय टीम 13 साइबर फ्रॉड का नंबर, मोबाइल नंबर, पता और बैंक खाता का डिटेल लेकर उनकी तलाश कर रही है. बताया जाता है कि इस गिरोह ने चंडीगढ़ के एक दर्जन से अधिक लोगों के साथ 75 लाख से अधिक की ठगी की है. चंडीगढ़ एसआईटी ने दीघा, कदमकुआं, शास्त्रीनगर के इलाके में छापेमारी की है.
एसआइआटी टीम के एक सदस्य का कहना है कि साइबर बदमाशों ने पुलिस अफसर और वकील बन कर चंडीगढ़ के सेक्टर 37 ए निवासी जगदीश प्रसाद यादव से 4.80 लाख रुपये की ठगी कर ली. साथ ही उन रुपये को पटना व सीवान के दो अलग-अलग एसबीआइ के खातों में डलवा लिया. इसके लिए उन्होंने कनाडा में बेटे के गिरफ्तार होने का झांसा दिया. जिन दो खातों में रकम डलवायी गयी थी, उनमें एक खाता दीघा निवासी रवि कुमार और दूसरा खाता सीवान निवासी अंबू कुमार का है. दोनों ही खातों में 2.40-2.40 लाख रुपये जगदीश प्रसाद यादव से साइबर बदमाशों ने डलवाये थे.
जगदीश प्रसाद यादव का बेटा वीरेंद्र यादव और उसका दोस्त चीमा कनाडा में निजी कंपनी में काम करते हैं. छह जुलाई को जगदीश को साइबर बदमाशों ने कनाडा के मोबाइल नंबर से फोन कर बताया कि वीरेंद्र का दोस्त चीमा इंडिया आने वाला है. इसके बाद उसने फिर दो दिन बाद फोन कर यह बताया कि चीमा इंडिया आने वाला था, लेकिन वह और उसका दोस्त वीरेंद्र गिरफ्तार हो गया है.
उसने यह जानकारी दी कि चीमा और वीरेंद्र एक होटल में खाना खा रहे थे, इस दौरान कनाडा के कुछ लोगों ने उन पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. मारपीट में कनाडा के नागरिक की मौत भी हो गयी है. जमानत कराने के लिए पैसे की जरूरत है. व्यक्ति ने अपना नाम कुलवंत सिंह बताया और कहा कि उसने एक वकील की व्यवस्था की है, जिनका नाम जगमोहन सिंह है.
उक्त फर्जी वकील ने दोनों को छुड़ाने के नाम पर 2.40-2.40 लाख रुपये देने को कहा. इस पर जगदीश ने दो खातों में 4.80 लाख रुपये डाल दिये. जालसाजों ने पत्नी को पांच लाख रुपये मुआवजा देने के लिए मांगे. जगदीश ने बेटी को जानकारी दी और उसने वीरेंद्र को फोन किया, तो ठगी का खुलासा हुआ.
साइबर बदमाश इतने शातिर हैं कि इन लोगों ने जिस नंबर से बात की, वह कनाडा का था. इसके कारण ही वीरेंद्र के पिता जगदीश प्रसाद यादव ने विश्वास कर लिया. संभवत: साइबर बदमाशों ने ऐसे एप की मदद से इंटरनेट कॉल की थी, जो सर्च करने पर कनाडा का ही दिखेगा.