पटना. बिहार का शिक्षा विभाग पिछले कुछ महीनों से लगातार चर्चा में बना हुआ है. जब से शिक्षा विभाग की जिम्मेवारी केके पाठक को दी गयी है तब से यह विभाग और भी चर्चा में आ गया है. कभी विभाग के कर्मचारियों को भेष-भूषा सुधारने का आदेश दिया जाता है, तो कभी राज्य के शिक्षकों को समय पर विद्यालय आने का आदेश दिया जाता है. इस बीच, अब जो जानकारी आ रही हैं उसके अनुसार विभाग के अपर मुख्य सचिव की कार्यशैली पर विभागीय मंत्री नाराज हो गये हैं. लिहाजा उन्होंने इसको लेकर अपर मुख्य सचिव को पित पत्र भेजा है.
दरअसल, बिहार सरकार ने जून के महीने में कई अधिकारीयों के विभाग बदले थे. इसके बाद शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव की जिम्मेवारी केके पाठक को दी गयी. पाठक ने कुर्सी संभालते ही राज्य में शिक्षा में बदलाव को लेकर कई आदेश जारी किये. इन्होंने सबसे पहले यह कहा कि बिना बताये बिहार के सरकारी स्कूल के टीचर गायब नहीं होंगे और यदि गायब हुए तो उनका वेतन काट लिया जायेगा. साथ ही हर टीचर को दो बार अपनी मौजूदगी दर्ज करवाने को कहा गया. शिक्षा विभाग के अधिकारी और कर्मी को यह कहा गया कि कोई भी जींस टीशर्ट में ऑफिस नहीं जाएंगे.
बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने इसके अलावा प्रत्येक शनिवार को कार्यालय खुला रखने संबंधी पत्र जारी किया था. इससे शिक्षा अधिकारी को देर शाम तक कार्य करना पड़ रहा है. अब इन्हीं मामलों को लेकर शिक्षा मंत्री के तरफ से इनको पित पत्र भेजा गया है. केके पाठक के आदेश के बाद डीएम और जिला शिक्षा अधिकारी एक्शन मोड में आ गये हैं. पटना जिले में तीन दिन हुए स्कूलों के औचक निरीक्षण के दौरान 77 शिक्षक बिना सूचना के अनुपस्थित पाये गये. इनका वेतन अगले आदेश तक के लिए रोक दिया गया है.