Video: चंद्रयान-3 ने चांद के दक्षिणी ध्रुव पर की सफल लैंडिंग, बिहार के तीन युवा वैज्ञानिकों का भी रहा योगदान
चंद्रयान-3 ने बुधवार की शाम चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग कर ली है. इसके साथ ही चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड करने में सफलता हासिल करने वाला दुनिया का पहला देश भारत बन गया है. इस मिशन में बिहार के तीन युवा वैज्ञानिकों की भागीदारी के बारे में इस वीडियो में जानें...
अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में भारत ने बुधवार को इतिहास रच दिया. पहली बार भारत के कदम चांद पर पड़े. चंद्रयान की साफ्ट लैंडिंग से लोगों में खुशी है मून मिशन की कामयाबी पर लोगों ने हर्ष व्यक्त करते हुए एक-दूसरे को मिठाइयां खिलायीं. साथ ही इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई दिया. चंद्रयान-3 के लैंड होते ही भारत ऐसा करने वाला विश्व का चौथा देश बन गया. जबकि चांद के साउथ पोल पर लैंडिंग कराने वाला दुनिया का पहला देश बन गया. मून मिशन की सफलता पर लोगों ने इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई देते हुए कहा कि देश के वैज्ञानिकों ने यह साबित कर दिया कि उनकी प्रतिभा विश्व में सबसे श्रेष्ठ है. जो काम विश्व का किसी भी देश ने आज तक नहीं किया था उसे भारत के वैज्ञानिकों ने साउथ पोल पर सॉफ्ट लैंडिंग कराकर कर दिखाया.
इसरो के चंद्रयान 3 की इस सफलता से भारत के लोगों को गर्व तो हो ही रहा है. लेकिन इस मिशन की सफलता से आज बिहार भी गौरवान्वित हो रहा है. दरअसल इस मिशन की सफलता में बिहार के तीन तीन युवा वैज्ञानिकों ने अहम भूमिका निभाई है. समस्तीपुर के अमिताभ, सीतामढ़ी के रवि कुमार और गया के सुधांशु कुमार चंद्रयान 3 मिशन के हिस्सा बने हैं. चंद्रयान 3 मिशन में इन तीनों की क्या भूमिका रही, देखिए इस रिपोर्ट में..