बदला बदला सा है मौसम का मिजाज, पटना में आर्दता की मात्रा सामान्य से तीन गुनी तक रही अधिक
आषाढ़ और सावन में कई दौर की झमाझम बारिश के बाद भी लोगों का पसीने से तरबतर हो जाना मौसम का एक सामान्य असर बन गया है. दरअसल, कभी-कभार बह रही पुरवैया हवा बदन को सुखाने में नाकाम साबित हो रही है.
पटना. आषाढ़ और सावन में कई दौर की झमाझम बारिश के बाद भी लोगों का पसीने से तरबतर हो जाना मौसम का एक सामान्य असर बन गया है. दरअसल, कभी-कभार बह रही पुरवैया हवा बदन को सुखाने में नाकाम साबित हो रही है. कूलर और पंखे ठंडक देने में नाकाम साबित हो रहे हैं. वजह है परिवेश में नमी की लगातार बढ़ी हुई मात्रा, जिसने हवा को भारी और वातावरण को बोझिल व बचैनी भरा बना दिया है. आर्दता की बढ़ी हुई मात्रा को क्लाइमेट चेंज से जोड़ कर देखा जा रहा है, जिसने विशेषकर बंगाल की खाड़ी में सामान्य से अधिक गर्मी पैदा कर रखी है.
मौसम रिपोर्ट को देखा जाये तो शायद ही कोई सप्ताह हो, जब बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का केंद्र न बना हो. यही वजह है कि बिहार सहित पूर्वी राज्य इससे सीधे प्रभावित हो रहे हैं. अप्रैल के उत्तरार्ध से लेकर मई, जून, जुलाई और अगस्त में अब तक प्रदेश के वातावरण में नमी की मात्रा लगातार बढ़ी हुई है.
नमी की बढ़ी मात्रा ने न केवल ठनके की संख्या में बढ़ोतरी की, बल्कि वातावरण को भारी भी रखा. इस बार महसूस किया गया कि मॉनसून की झमाझम के बाद भी लोगों ने अच्छा महसूस नहीं किया. बहुत हद तक इसकी वजह नमी को बताया गया.
प्रदेश में केवल एक दिन दर्ज हुआ हीट वेव
जानकारी के मुताबिक अप्रैल के उत्तरार्ध से लेकर मई तक प्रदेश में सामान्य तौर पर हीट वेव की स्थिति बनती है. इस बार प्रदेश में केवल एक दिन हीट वेव दर्ज हुआ है. वह भी केवल एक जिले में. आश्चर्य की बात यह रही कि मई में आर्दता की मात्रा इस बार सामान्य से दो से तीन गुनी अधिक दर्ज की गयी.
हीट वेव (लू) के दौरान प्रदेश में पछिया हवाओं में नमी की मात्रा 30 से 40% हुआ करती थी. दक्षिणी-पश्चिमी बिहार में इसका स्तर इससे भी कम पहुंच जाता था. हालांकि, इस बार मई में नमी की मात्रा औसतन 55 से 90 फीसदी तक चली गयी. उदाहरण के लिए पांच मई को पटना में 77 फीसदी ,गया में 63 और पूर्णिया में 84 फीसदी नमी मौजूद रही.
एक सप्ताह बाद 13 मई को पटना में नमी की मात्रा 88 और गया में 91 फीसदी के आसपास तक पहुंच गयी. 25 मई को तो अररिया, कटिहार आदि में 100 फीसदी तक ,भागलपुर में 97 फीसदी और पटना में 51 फीसदी नमी दर्ज की गयी.
इस बार पछिया हवा भी रही नमीयुक्त
मध्य मई में ताउते और मई के उत्तरार्ध में यास तूफान ने नमी की इतनी मात्रा यहां के परिवेश में बढ़ा दी कि दक्षिणी मॉनसून भी समय पर आ गया. बारिश जुलाई में कुछ दिन छोड़ कर अब तक नहीं थमी है. हालांकि, हवा में नमी की मात्रा कभी कम नहीं रही. सामान्य तौर पर बिहार में बंगाल की खाड़ी से ही नमी की आपूर्ति हाेती है. साइक्लोन की वजह से इस बार पछिया हवा भी नमीयुक्त रही.
Posted by Ashish Jha