Bihar News: फोन नंबर बदल झारखंड पुलिस के रिटायर्ड अधिकारी के खाते से 13 लाख की निकासी

झारखंड पुलिस के रिटायर्ड अधिकारी के खाते से साइबर ठगों ने 13 लाख की निकासी कर ली है. अपराधियों ने पहले तो रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर को बैंक से चेंज करवा दिया. इसके बाद उनके खाते से 13 लाख 54 हजार 816 रुपये की निकासी कर ली.

By Radheshyam Kushwaha | February 6, 2022 10:38 AM

पटना. साइबर ठगों ने पटना के दीघा थाना क्षेत्र के रामजीचक टाटागंज निवासी झारखंड पुलिस से रिटायर्ड अधिकारी 68 वर्षीय बृजकिशोर सिंह को अपना शिकार बनाया है. अपराधियों ने पहले तो रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर को बैंक से चेंज करवा दिया. इसके बाद उनके खाते से 13 लाख 54 हजार 816 रुपये की निकासी कर ली. इस संबंध में पीड़ित ने दीघा थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी है. उन्होंने बताया कि साइबर ठगों ने दो खातों से निकासी की है. एक सैलरी अकाउंट है और दूसरा पति-पत्नी का ज्वाइंट अकाउंट है. थाने में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद जब कोई कार्रवाई नहीं हुई, तब उन्होंने साइबर सेल में शिकायत दर्ज करवायी, जिसके बाद तुरंत कार्रवाई करते हुए 60 हजार रुपये को बचा लिया गया. थानाध्यक्ष ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है.

पासबुक अपडेट कराने पहुंचे तो मामले का हुआ खुलासा

पीड़ित के बेटे ने बताया कि पिता रामगढ़ में थे. उनके पासबुक को जब दीघा थाना क्षेत्र स्थित स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में अपडेट कराने गये तो मामले का खुलासा हुआ. इतने बड़े पैमाने पर खाते से पैसे की निकासी देख वह दंग रह गये. इस बात की जानकारी जब बैंक अधिकारी से मांगी गयी, तो उन्होंने कहा कि खाताधारक को ही जानकारी दी जायेगी. इसके बाद अपने पिता को रामगढ़ से पटना बुलाया और जानकारी ली. शाखा प्रबंधक ने बताया कि आपके द्वारा मोबाइल नंबर बदलने के लिए आवेदन दिया गया था. उसमें हस्ताक्षर भी है आपका. जब जमा किये गये कागजात को देखा गया, तो उसमें हस्ताक्षर फर्जी था. किसी ने फर्जी तरीके से हस्ताक्षर कर पहचान पत्र को जमा कर नंबर बदल दिया और पैसे की निकासी कर ली है.

पीड़ित ने कहा-प्राथमिकी के बाद भी नहीं निकाला डिटेल

पीड़ित बृजकिशोर सिंह ने बताया कि दो फरवरी को दीघा थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी. लगातार दो दिन जाने के बाद भी केस आइओ द्वारा न तो बैंक से डिटेल मांगा गया और न ही कोई जांच की गयी. मुझे शक है कि बैंक की मिलीभगत के कारण ही पैसे की निकासी हुई है. केस आइओ रोज कोई बहाना बना टाल मटोल कर रहा है. दीघा थानाध्यक्ष से भी कई बार बोले हैं, लेकिन अब तक किसी भी तरह की पुलिस ने कार्रवाई नहीं की है. नंबर चेंज करने से पहले वैरिफिकेशन बैंक ने नहीं किया.

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