पंकज कुमार, बक्सर : वर्ष 1986 में बक्सर रामरेखा घाट के समीप रामायण को प्रकाश और ध्वनी के माध्यम से दिखाने के लिए लाइट एंड साउंड का निर्माण कराया गया. तब कहीं प्रतिदिन एक से डेढ़ हजार तक लोग यहां पहुंचते थे और इससे मनोरंजन करते थे. बिहार स्टेट टूरिज्म डेवलपमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लि पटना को इससे राजस्व की प्राप्ति भी होती थी, लेकिन महज एक साल बाद ही एक लाइट बल्ब और ध्वनी बॉक्स खराब हो गयी. जिसके बनने के इंतजार में 31 साल बीत गये और एक करोड़ 20 लाख की संपति ही खत्म हो गयी. लाइट एंड साउंड अब पूरी तरह खंडहर में तब्दील हो गयी है.
18 अप्रैल 1986 में लाइट एंड साउंड का उद्घाटन बिहार के मुख्यमंत्री बिंदेश्वरी दूबे ने की थी. वे कांग्रेस पार्टी के थे. इनके ही कार्यकाल में खराब भी हो गया, लेकिन इनके बाद के मुख्यमंत्रियों ने भी बिहार टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए इस लाइट एंड साउंड को लेकर उदासीन बने रहे. जबकि तत्कालीन मुख्यमंत्री बिंदेश्वरी दूबे के बाद बिहार में कई पार्टियों ने सत्ता संभाली और मुख्यमंत्री के नये चेहरे भी सामने आये. इनमें कांग्रेस के ही भागवत झा, सत्येंद्र नारायण सिन्हा, जगन्नाथ मिश्रा शामिल हैं. राजद के लालू प्रसाद दो बार और राबड़ी देवी ने तीन बार बिहार की सत्ता संभाली तो एनडीए गठबंधन से नीतीश कुमार पांच बार मुख्यमंत्री और राजद गठबंधन से एक बार मुख्यमंत्री का पद भी संभाला. अभी बिहार में एनडीए की सरकार भी रही. बक्सर में इन पार्टियों के लगातार विधायक भी बदलते रहे पर अब तक जो नहीं बदली वह है लाइट एंड साउंड की तकदीर.
बक्सर को टूरिज्म को लेकर हर बार बक्सर विधानसभा सीट से खड़े होने वाले उम्मीदवार लोगों में नयी उम्मीद जगाते हैं. पर हर बार यह उम्मीद टूट जाता है. आज भी लाइट एंड साउंड अपने जीर्णोद्धार की आस ढूंढ रहा है. इस इंतजार ने लाइट एंड साउंड के पूरे इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम को ही ध्वस्त कर दिया. नयी पीढ़ी को लाइट एंड साउंड के बारे में कुछ जानकारी नहीं है. उनके लिए यह महज खंडहर में तब्दील एक भवन और कुछ विरान परती है, लेकिन आज भी पुराने लोग अपनी यादों को इससे जोड़ कर देखते हैं और इसके ऐसी हालात में अफसोस जाहिर करते हैं. जब लाइट एंड साउंड की तकनीकी खराबी आयी थी और यह बंद हो गया था तब बक्सर टीवी स्टेशन का मेकैनिक महेंद्र कुमार ने इसे ठीक करने का दावा किया था. इसके लिए उसने तीस हजार रुपये की मांग की थी और दावा किया था कि चालू होने पर ही इसका भुगतान किया जाये, लेकिन विभाग ने इस पर कोई सक्रियता नहीं दिखायी. इसका नतीजा यह हुआ कि आज 1.20 करोड़ की संपति खराब हो गयी.
लाइट एंड साउंट पूरी तरह खंडहर में तब्दील है. वहां रखवाली करने वाली कोई चीज नहीं है, लेकिन आपको यह जानकार आश्चर्य होगा कि इस खंडहर की रखवाली दो कर्मियों के जिम्मे है. इनमें एक कर्मी धर्मदेव राम नाइट ड्यूटी में रहते हैं. ये पूरे परिवार के साथ लाइट एंड साउंट के एक कमरे और परिसर में रहते हैं. इनकी नियुक्ति लाइट एंड साउंड के उद्घाटन के साथ ही है जबकि दूसरे कर्मी गंगा राम नालंदा जिले से हैं. इनकी ड्यूटी दिन में रखवाली करने की है.
लाइट एंड साउंड में जनकपुर, अयोध्या और लंका भवन का मुख्य द्वार बनाया गया था. इन तीनों पर रामायण के अलग-अलग पात्रों की ध्वनी जब गूंजती तो रामायण के चलचित्र पात्र लगता था सजीव हो उठे हैं. भगवान राम का संवाद लक्ष्मण से हो या रावण का संवाद राम से चलचित्र से ध्वनी से जीवंत हो उठते थे. लोग बताते हैं कि रावण की हंसी की आवाज जब आती थी तो पूरा कैंपस गूंज उठता था, लेकिन आज जंगल और झाड़ के साथ खंडहर में तब्दील होने से लाइट एंड साउंड का वजूद खत्म हो गया है.
लाइट एंड साउंड में करीब डेढ़ हजार लोगों को बैठने की सुविधा थी. अंदर प्रवेश के लिए लोगों को टिकट कटाना पड़ता था. जिसकी कीमत 1.50 रुपये थी. नाइट गार्ड की नौकरी करने वाले धर्मदेव राम बताते हैं कि उन्होंने पहला टिकट अपने हाथों से काटा था. शो देखने के लिए लोगों की लाइन लगी रहती थी. सरकार को अच्छा-खासा राजस्व मिलता था. लेकिन जब लाइट बल्ब और ध्वनी बॉक्स खराब हुआ तो शो बंद हो गया और इसके बनने का इंतजार होने लगा. यह इंतजार इतना लंबा होगा किसी ने सोचा भी नहीं था.
1.4 एकड़ में फैले इस लाइट एंड साउंड की भूमि चारों तरफ अतिक्रमण हो रहा है. अतिक्रमण के कारण इसका स्पेस कम हो गया है. हालांकि लाइंड एंड साउंड के कर्मियों ने अब तक इसकी सैकड़ों शिकायत वरीय पदाधिकारियों से की है. जिसके कारण बिहार टूरिज्म डेवलपमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लि पटना के निदेशक ने जिलाधिकारी बक्सर को पत्र भेजकर अतिक्रमण हटवाने का निर्देश दिया है. हालांकि पत्र मिलने के बाद भी अतिक्रमण हटाने के लिए कोई पहल अब तक शुरू नहीं की गयी है.
posted by ashish jha