पटना. मुजफ्फरपुर जिले के साहेबगंज से भाजपा के विधायक राजू सिंह हर्ष फायरिंग के दौरान एक महिला की मौत के मामले में फंस गये हैं. इस मामले में उनकी पत्नी रानू सिंह की भी मुश्किलें बढ़ गयी है. पति के साथ इस मामले में वो भी सह आरोपित हैं. दिल्ली की रॉउज एवन्यू कोर्ट ने दोनों के खिलाफ चार्ज फ्रेम कर लिया है. अदालत में आरोप तय होने के बाद अब विधायक और उनकी पत्नी के खिलाफ ट्रायल होगा. इस मामले में राजू सिंह पर जो धाराएं लगायी गयीं हैं अगर वो सही साबित होती हैं तो उन्हें 10 साल तक की कैद हो सकती है.
हर्ष फायरिंग में हुई थी एक महिला की मौत
ये मामला 2019 का है. 2019 में राजू सिंह के दिल्ली स्थित फार्महाउस में नए साल की पूर्व संध्या पर आयोजित पार्टी आयोजित की गयी थी. आरोप है कि पार्टी के दौरान राजू सिंह ने नशे में धुत्त होकर अपनी लाइसेंसी पिस्टल से हर्ष फायरिंग की. राजू सिंह की पिस्टल से चली गोली एक महिला को जा लगी, जिससे महिला की मौत हो गई थी. इस मामले में राजू सिंह और उनकी पत्नी के अलावा दो अन्य लोग भी आरोपी हैं. कोर्ट में अब इस मामले की अगली सुनवाई छह नवंबर को होगी.
कोर्ट ने की तीखी टिप्पणी
इस मामले की पड़ताल के पुलिस ने विधायक राजू सिंह और उनकी पत्नी के साथ साथ दो अन्य आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दायर कर दी है. उसके बाद कोर्ट में इस पर सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी की. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि आरोपी राजू सिंह को पता था कि भीड़ भरी पार्टी में गोली चलाने से किसी व्यक्ति की मौत हो सकती है. फिर भी राजू सिंह ने अपनी लाइसेंसी पिस्टल से गोलियां चलायी.
विधायक की पत्नी पर सबूत नष्ट करने का आरोप
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि आरोपी राजू सिंह पर प्रथम दृष्टया आईपीसी की धारा 304 (भाग-2) और शस्त्र अधिनियम की धारा 30 के तहत मामला बनता है. वहीं, राजू सिंह की पत्नी रानू सिंह और उनके दो सहयोगियों रमेंद्र सिंह और राणा राजेश सिंह पर सबूतों को नष्ट करने का आरोप है. कोर्ट ने राजू सिंह की पत्नी रानू सिंह और उनके सहयोगियों के खिलाफ सबूत नष्ट करने का आरोप तय करने का भी आदेश दिया है.