Bihar Sharab Bandi News: छत्तीसगढ़ की सरकार बिहार के तर्ज पर ही शराबबंदी कानून लागू कर सकती है. बिहार में शराबबंदी के अध्ययन को लेकर आयी छत्तीसगढ़ की टीम इसको लेकर राज्य सरकार द्वारा किये प्रयोगों से काफी प्रभावित रही. अपने तीन दिवसीय प्रवास के दौरान छत्तीसगढ़ की राजनैतिक समिति ने बिहार में शराबबंदी से जुड़े कई चीजों का अध्ययन किया और उसके बाद वापस लौटे हैं.
छत्तीसगढ़ से आई टीम ने बिहार में शराबबंदी के पक्ष में आवाज उठाने वाले महिलाओं के समूहों से मुलाकात की. इसके साथ ही कुम्हरार में बनाये गये ग्रुप ट्रेनिंग सेंटर, मद्यनिषेध प्रयोगशाला और ड्रोन मॉनीटरिंग को लेकर बनाये गये कमांड एंड कंट्रोल सेंटर की स्थिति को भी देखा. मद्यनिषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग के आयुक्त बी कार्तिकेय धनजी ने बताया कि छत्तीसगढ़ टीम का फीडबैक काफी सकारात्मक रहा.
टीम ने शराबबंदी के बाद राजस्व की स्थिति तथा पर्यटन एवं होटल उद्योग को लेकर अपनी जिज्ञासा जाहिर की, जिस पर बिहार सरकार की तरफ से उनको वास्तुस्थिति की जानकारी दी गयी. बिहार में शराबबंदी के बाद पर्यटन उद्योग घटा नहीं, बल्कि बढ़ा ही है. उम्मीद है कि राजनैतिक समिति छत्तीसगढ़ में शराबबंदी लागू किये जाने के संबंध में अपनी सकारात्मक अनुशंसा देगी.
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मद्यनिषेध आयुक्त ने कहा कि मार्च महीने के पहले 11 दिनों में अवैध शराब के विरुद्ध करीब 52.5 हजार छापेमारियां की गयी, जिनमें 7490 मामले दर्ज करते हुए करीब 13 हजार अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है. इसमें मद्यनिषेध विभाग ने सर्वाधिक 6970 और पुलिस ने 6011 लोगों को गिरफ्तार किया. होली पर्व के चलते यह पखवाड़ा महत्वपूर्ण रहा. इस दौरान करीब दो लाख बल्क लीटर देशी-विदेशी शराब जब्त की गयी. सिर्फ मद्यनिषेध विभाग हर दिन औसतन 600 से अधिक गिरफ्तारियां कर रहा है.
बता दें कि बिहार में वर्ष 2016 में पूर्ण शराबबंदी कानून को लागू कर दिया गया. जिसके बाद बिहार में शराब रखने, सेवन करने या कारोबार पर पूरी तरह रोक लगा दी गयी. इसके बाद अबतक लाखों लोगों के ऊपर इससे जुड़े केस दर्ज किए जा चुके हैं जबकि करोड़ों लीटर शराब जब्त और नष्ट किए गए हैं. पूर्ण शराबबंदी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का फैसला था.
Published By: Thakur Shaktilochan