13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Chaurchan Vrat 2024: सादगी और श्रद्धा के साथ मना मिथिला का लोकपर्व चौठचंद्र, यहां पर चंद्र दर्शन से कलंक नहीं संतान के सुख-समृद्धि में होती है वृद्धि

Chaurchan Vrat 2024: आज शुक्रवार की शाम मिथिला का प्रसिद्ध लोकपर्व पूरी सादगी व श्रद्धा के साथ मनाया गया. शाम होते ही व्रती महिलाएं फल, मिठाई व विभिन्न तरह के पकवान से सजी डाली अर्पित कर निष्ठापूर्वक चतुर्थी चंद्र की पूजा-अर्चना की.

Chaurchan Vrat 2024: भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को कलंक चतुर्थी और चौथ चंद पूजन की जाती है. इस चतुर्थी को कलंक चौथ के नाम से भी जाना जाता है. देश के अधिकांश इलाकों में इस दिन चंद्र दर्शन की मनाही है. कहा जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण भी इस तिथि पर चंद्र दर्शन करने के पश्चात मिथ्या कलंक के भागी बने. लेकिन मिथिला में चौरचन यानि चौठचंद पर्व को बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. यह पूजा विशेष रूप से महिला करती हैं और पुरुष पंडित द्वारा इस पूजा को करवाया जाता है. पूरी, पकवान, 56 भोग बनता है और चंद्र देव यानि चंद्रमा को भोग लगता है, फिर उन्हें अर्पित किया जाता है.

सादगी और श्रद्धा के साथ मना मिथिला का लोकपर्व चौठचंद्र

पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह की चतुर्थी तिथि की शुरुआत आज 06 सितंबर 2024 को दोपहर 03 बजकर 01 मिनट से शुरू हो गयी है और इसका समापन 07 सितंबर को शाम 05 बजकर 37 मिनट पर होगा. इस लिए आज शुक्रवार की शाम मिथिला का प्रसिद्ध लोकपर्व पूरी सादगी व श्रद्धा के साथ मनाया गया. शाम होते ही व्रती महिलाएं फल, मिठाई व विभिन्न तरह के पकवान से सजी डाली अर्पित कर निष्ठापूर्वक चतुर्थी चंद्र की पूजा-अर्चना की. चतुर्थी चंद्र की पूजा-अर्चना व डाली अर्पण करने के बाद लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया. प्रसाद ग्रहण के साथ ही चौठ चंद्र पर्व का समापन हो गया. मिथिला में सदियों से यह मान्यता चली आ रही है कि भाद्र शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को निष्ठा व श्रद्धापूर्वक पूजा-अर्चना करने से संतान की आयु लंबी होती है. साथ ही संतान के सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है.

Also Read: Chhapra News : शाम को घर के आंगन में सो रही 25 दिन की बच्ची अचानक हुई गायब, सुबह घर के कोने में मिला शव

आज महिलाओं ने की चंद्र देव की पूजा अर्चना

इसी भावना से आज भी घर की बड़ी व बुजुर्ग महिलाएं भादो महीने की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को चतुर्थी चंद्र की पूजा-अर्चना कर अपने संतान सहित सकल परिवार के लिए मंगलकामना करती है. चौठ चंद्र पर्व को लेकर सुबह में घर की बुजुर्ग महिलाएं नित्यक्रिया से निवृत्त हो जुट गयी विभिन्न तरह के पकवान बनाने के काम में शाम होते ही पवित्र स्नान कर व नये वस्त्र धारण कर पूजा पर बैठ गयी. व्रती महिलाओं ने अपने आंगन में अरिपन देकर नैवेद्य के लिए तैयार पकवान, मिठाई व फल से डाली सजाकर बैठ गयी चतुर्थी चंद्र की पूजा-अर्चना करने. पंडितों ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ चतुर्थी चंद्र की पूजा की रस्म पूरी करायी. पूजा की समाप्ति के बाद प्रसाद का वितरण किया गया. इसके साथ ही चौठ चंद्र लोकपर्व का समापन हो गया. चौठ चंद्र पर्व को लेकर जिले में शुक्रवार को लोगों के बीच उत्सवी माहौल दिखा. लोग निष्ठापूर्वक पर्व की रस्म पूरी कर उत्साह के साथ चौठ चंद्र का पर्व मनाया.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें