चौसा जमीन अधिग्रहण के मामले में किसानों ने की महापंचायत, सम्राट चौधरी बोले- ‘विरोध करना हमारा अधिकार’
चौसा में जमीन अधिग्रहण की जाने वाली भूमि के बदले उचित मुआवजे की मांग को पूरा करवाने के लिए अपनी बातों पर अड़े प्रभावित किसानों ने आज पावर प्लांट के पास महापंचायत किया. किसानों के इस कार्यक्रम में बिहार विधान परिषद के नेता प्रतिपक्ष सम्राट चौधरी भी मौजूद रहे.
Bihar news: बक्सर में निर्माणाधीन 1320 मेगावाट थर्मल पावर प्रोजेक्ट को लेकर चौसा क्षेत्र के चौदह गांव के मौजे में 137 एकड़ भूमि में रेल कॉरिडोर हेतु रेल लाइन बिछाई जाएगी. इसके लिए 55 हेक्टेयर से अधिक भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है. कुल 309 किसानों की जमीन इस परियोजना के लिए ली जा रही है. अधिग्रहित की जा रही जमीन के मुआवजे के लिए किसानों का आंदोलन जारी है.
अधिग्रहण की जाने वाली भूमि के बदले उचित मुआवजे की मांग को पूरा करवाने के लिए अपनी बातों पर अड़े प्रभावित किसानों ने आज पावर प्लांट के पास महापंचायत किया. किसानों के इस कार्यक्रम में बिहार विधान परिषद के नेता प्रतिपक्ष सम्राट चौधरी भी मौजूद रहे. इस दौरान विधि व्यवस्था के लिए कई थानों की पुलिस बल को मौके पर तैनात किया गया था.
विरोध करना हमरा अधिकार- सम्राट चौधरी
मौके पर आंदोलनकारी किसानों को संबोधित करते हुए सम्राट चौधरी ने कहा कि विरोध करना हमारा अधिकार है. लेकिन पुलिस किसी के घर में घुसकर उनके साथ मारपीट नहीं कर सकती है. बता दें कि किसानों का आरोप है कि बीते मंगलवार की रात को लिस ने उनके घर में घुसकर बर्बरतापूर्ण पिटाई की. जिससे किसान उग्र हो गये थे. बुधवार की सुबह उग्र किसान चौसा थर्मल पावर प्लांट में घुस गए थे. जिसके बाद किसानों ने आगजनी करते हुए जमकर विरोध-प्रदर्शन किया था. किसानों का प्रदर्शन इतना उग्र था कि पुलिस ने लगभग 6 राउंड हवाई फायरिंग भी की थी.
किसानों ने प्रशासन और कंपनी को सख्त चेतावनी दी
वहीं, महापंचायत में किसानों ने राज्य सरकार, जिला प्रशासन और कंपनी को सख्त चेतावनी दी. महापंचायत में किसानों ने कहा कि अगर हमारी मांगों के प्रति किसी तरह का साकारात्मक कदम नहीं उठाया गया तो, वे अपनी हक की लड़ाई लड़ेंगे. किसानों का आरोप है कि कंपनी ने उन्हें आश्वासन दिया गया था कि इलाके में कंपनी स्थापित होने के बाद क्षेत्र के तेज गति से विकास होगा. कंपनी के फंड से यहां बड़े-बड़े स्कूल, होटल और रोजी रोजगार के संसाधन बढ़ाए जाएंगे, चारों तरफ खुशहाली होगी. इसके अलावे नौकरी में स्थानीय लोगों को वरीयता दी जाएगी. लेकिन ऐसा कुछ नहीं हो पा रहा है.
जबरन जमीन छीन रही कंपनी- किसान
किसानों ने कहा कि बीते दो माह से वे वर्तमान दर के हिसाब से भूमि अधिग्रहण का उचित मुआवजे मांग रहे हैं. लेकिन कंपनी पुराने दर पर ही मुआवजा देकर जबरन जमीन का अधिग्रहण कर रही है. आंदोलन को दबाने के लिए पुलिस किसानों के साथ मारपीट कर रही है. किसानों का आरोप है कि पुलिस ने घर में घुसकर उनके बच्चे तक के साथ मारपीट की.
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