बिहार: प्रधान सचिव बनकर 50 लोगों से लाखों की ठगी, अधिकारियों को भी बनाया बेवकूफ, पुलिस ने किया गिरफ्तार
एक युवक ने पुलिस से एक व्यक्ति द्वारा चार लाख रुपये ठगी और धमकी दिए जाने की शिकायत की. पुलिस ने पीड़ित से ठग का मोबाइल नंबर लिया तो वह नंबर थानेदार के मोबाइल में सेव नंबर से मेल खाने लगा. यह वही नंबर निकला, जिससे खुद को ग्रामीण कार्य विभाग का प्रधान सचिव बताकर छापेमारी की धमकी दी जा रही थी.
पूर्णिया. खुद को ग्रामीण कार्य विभाग का प्रधान सचिव बताकर लोगों से लाखों की ठगी करने वाला एक फर्जी अधिकारी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. ओहदे का धौंस दिखाकर शातिर ठग पिछले चार महीने से अधिकारियों के नाक में दम कर रखा था. शातिर ठग कॉल पर खुद को अधिकारी बताकर थानेदार और ड्रग इंस्पेक्टर से रेड करवाता था. इसका खुलासा तब हुआ खुला, जब शहर के सहायक खजांची थाना क्षेत्र के रजनी चौक भट्टा बाजार के रहने वाले मो बिलाल अहमद नाम के ठगी के शिकार पीड़ित ने पुलिस से इसकी शिकायत की.
छापेमारी में ये हुआ बरामद
गिरफ्तार किए गये ठग की पहचान भागलपुर जिले के खरीक के वेस्ट घरारी निवासी मो नाजिर के रूप में हुई है. वह फिलहाल शहर के सहायक खजांची थाना क्षेत्र के लाइन बाजार शिव मंदिर रोड स्थित मुसाफिरखाना में रहता था.
छापेमारी के दौरान पुलिस ने 35 लाख से अधिक के 30 चेक, फर्जी आर्म्स लाइसेंस, फर्जी आर्म्स लाइसेंस बनाने का दर्जन आवेदन, नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों से लिए गये दर्जनों दस्तावेज, चार पीस मोहर, खाद-बीज का फर्जी लाइसेंस बनाने से जुड़े दर्जनों दस्तावेज बरामद की है.
ओहदे का रौब दिखा अधिकारियों से करवाता था रेड
शुक्रवार को सहायक खजांची थाना में सदर एसडीपीओ पुष्कर कुमार ने बताया कि बीते चार महीने से शातिर ठग फोन पर खुद को ग्रामीण कार्य विभाग का प्रधान सचिव बताकर पुलिस के अधिकारियों को कॉल कर रहा था.
ओहदे का रौब दिखाकर वह सिटी एसपी भागलपुर, कई डीएसपी, सीओ, थानेदार और ड्रग इंस्पेक्टर को कॉल कर रेड करवाता था. फोन पर अधिकारियों को कॉल कर विभाग के सीनियर से शिकायत करने की धमकी देता था. इससे कनीय अधिकारी परेशान रहते थे. पुलिस जब रेड करने जाते उन्हे निराश होकर वापस लौटना पड़ता था.
ऐसे खुला राज
एसडीपीओ ने बताया कि गुरुवार शाम खजांची थाना क्षेत्र के रजनी चौक भट्टा बाजार के रहने वाले मो बिलाल अहमद नाम के एक पीड़ित ने सहायक थाना पहुंचकर शिकायत की कि एक ठग ने उससे अपनी कंपनी का खाद्य-बीज का डीलरशिप दिलाने के नाम पर चार लाख रुपये की ठगी की है और अब उसे धमकी दे रहा है.
पुलिस ने जब पीड़ित से ठग का मोबाइल नंबर लिया तो वह नंबर थानेदार के मोबाइल फोन में सेव किये गये नंबर से मिलने लगा. यह वही नंबर निकला, जिससे उन्हें ग्रामीण कार्य विभाग के प्रधान सचिव बताकर रेड करने की धमकी दी जा रही थी. इसके बाद नंबर ट्रेस किया गया. प्राप्त लोकेशन के आधार पर बस स्टैंड स्थित एक होटल के कमरे से ठग को गिरफ्तार किया गया.
50 से अधिक लोगों को बनाया अपना शिकार
ठग ने अबतक 50 से अधिक लोगों को अपनी ठगी का शिकार बनाया. उसके पास से 35 लाख से अधिक के चेक, फर्जी आर्म्स लाइसेंस बनाने का आवेदन, नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों से लिए गये दस्तावेज, चार पीस मोहर, खाद्य बीज का फर्जी लाइसेंस बनाने से जुड़े दस्तावेज मिले हैं. खाद्य-बीज का फर्जी लाइसेंस दिलाने के नाम पर उसने कई लोगों से ठगी की.
शातिर ठग ने बताया कि उसने लोगों से ठगी करने के लिए साल भर पहले जनजीवन नाम की खाद-बीज की कंपनी बनायी. इसके बाद खाद-बीज का फर्जी लाइसेंस दिलाने के नाम पर लोगों से ठगी की. वह यह रुपये चेक या फिर डिजिटल पेमेंट के माध्यमों से लेता था.