गया से जाने वाले 13 रास्तों पर बनेंगे चेकपोस्ट, शराब से हुई मौतों के बाद सख्त हुआ प्रशासन

जहरीली शराब से हो रही मौतों से परेशान जिला पुलिस प्रशासन ने अब गया आनेवाले तमाम रास्तों पर चेकपोस्ट बनाने का फैसला लिया है. इसके बाद जिला प्रशासन को झारखंड से गया होते हुए दूसरे राज्यों को जाने वाले 13 रास्ते पर निगेहबानी सख्त करने का फैसला लिया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 1, 2022 11:28 AM

गया. शराबबंदी कानून के बावजूद बिहार में शराब की उपलब्धता में कमी नहीं आने और जहरीली शराब से हो रही मौतों से परेशान जिला पुलिस प्रशासन ने अब गया आनेवाले तमाम रास्तों पर चेकपोस्ट बनाने का फैसला लिया है. पिछले दिनों ही गया जिले में शराब से चार लोगों की मौत हो गयी थी. इसके बाद जिला प्रशासन को झारखंड से गया होते हुए दूसरे राज्यों को जाने वाले 13 रास्ते पर निगेहबानी सख्त करने का फैसला लिया है.

बैरिकेडिंग और ड्रॉपगेट से काम चलाया जा रहा काम

उन तेरह रास्तों को लेकर जिला प्रशासन काफी संजीदा हो गया है. चिह्नित किये गये सभी रास्तों पर गया जिला क्षेत्र में चेकपोस्ट होंगे. चेकपोस्ट का निर्माण कार्य पूरा नहीं होने तक अभी बैरिकेडिंग और ड्रॉपगेट से काम चलाया जा रहा है. सघन चेकिंग अभियान का मकसद है की सभी धंधेबाजों को पकड़ा जाए.

होमगार्ड को हर दो महीने में बदला जाएगा

डीएम डॉ. त्यागराजन के आदेश पर सभी तेरह रास्ते जो झारखंड से गया होते हुए दूसरे राज्यों में जाती है उन सभी के ऊपर बैरिकेडिंग और ड्रापगेट से फिलहाल सख्ती से चेकिंग अभियान चलाने का आदेश दियाा है. 13 चेकपोस्टों का निर्माण कार्य पूरा नहीं होने तक की स्थिति में डोभी चेकपोस्ट पर सघन चेकिंग अभियान जारी रहेगा. इसके अलावा परिवहन अधिकारी को आदेश दिया गया है कि डोभी चेकपोस्ट तैनात होमगार्ड को हर दो महीने पर बदला जाये. थाने के चौकीदारों से परेड के जरिये शराब से जुड़ी जानकारियों को जुटाया जाये.

झारखंड के सटे इलाके से होती है तस्करी

गया जिला का एक बड़ा हिस्सा पूरी तरह से झारखंड से सटा हुआ है. कुछ किलोमीटर की दूरी पर झारखंड के गांव और ब्लाक शुरू हो जाता हैं. शेरघाटी, बाराचट्‌टी, डुमरिया, आमस, मोहनपुर, बांकेबाजार, इमामगंज, और फतेहपुर का इलाका झारखंड से पूरी तरह से सटा हुआ है. इन इलाकों की मदद से शराब की तस्करी की जाती है. इन इलाकों के कई गांव में लोग चंद कदम चलने के बाद झारखंड की सीमा पर पहुंच जाते हैं. दोपहर बाद से गया, जिले के ऐसे गांवों के लोगों का झारखंड के गांवों और बाजार में आवाजाही शुरू हो जाती है.

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