छपरा शराबकांड की जांच को लेकर राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (NHRC) की टीम ने सदर अस्पताल का निरीक्षण किया है. टीम के द्वारा मशरक इसुआपुर प्रखंड में जहरीली शराब से हुए बड़ी संख्या में मौतों की जांच के लिए पहुंची थी. इस दौरान सिविल सर्जन सागर दुलार सिन्हा ने टीम को अस्पताल और घटना की पूरी जानकारी दी. जांच के बाद टीम ने किसी प्रकार की जानकारी को साझा करने से साफ मना कर दिया. हालांकि, टीम के सदस्यों ने मामले में काफी गंभीरता दिखायी. टीम के निरीक्षण को लेकर सभी चिकित्सक अस्पताल में मौजूद रहे. मामले की गंभीरता को देखते हुए आयोग की टीम हर बिंदू पर जांच कर रही है.
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग की टीम के द्वारा छपरा में विभिन्न स्थानों पर लगभग डेढ़ घंटों तक औचक निरीक्षण किया. इस दौरान सिविल सर्जन सागर दुलार सिन्हा ने बताया कि मौत की स्थिति और मृतकों की संख्या के बारे में जानकारी ली. राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग की टीम के निरीक्षण को लेकर सदर अस्पताल में गहमागमी की स्थिति बनी रही. टींम कब कहां और कैसे आ रही है इसके बारे में किसी को कोई जानकारी नहीं थी. बता दें कि बिहार में शराबबंदी को लगभग सात वर्ष हो गए हैं. मगर इतने वर्ष बाद भी छपरा के मशरक और इसुआपुर में बड़ी संख्या में लोगों की जहरीली शराब से मौत के मामले ने देश को झकझोर कर रख दिया है.
टीम के द्वारा छपरा सदर अस्पताल में सिविल सर्जन सागर दुलार सिन्हा ने घंटों तक बातचीत की गयी. इस दौरान उन्होंने अस्पताल में हुए संदिग्ध मौत और ऐसी मौत जिसमें परिजनों से पोस्टमार्टम कराने इंकार किया, के बारे में जानकारी पूरी तरह से ली. मामले में टीम ने जहरीली शराब कांड के समय अस्पताल में शराब से हुए मौत और कुल मौत के डाटा को रिकार्ड किया है. इसके साथ ही, अस्पताल के विभिन्न विभागों के डॉक्टरों से भी बातचीत करके कई जानकारी प्राप्त की और वार्डों का निरीक्षण किया.