Chhath Puja 2020: नहाय-खाय के साथ बुधवार को लोक आस्था का महापर्व छठ शुरू होने जा रहा है. चार दिनों के इस त्योहार पर लोग छठी मैया का व्रत रख कर अपने परिवार की सुख-शांति की कामना करेंगे.
बुधवार को शुरू होने वाले इस पर्व पर व्रत से पूर्व स्नान करने के बाद सात्विक भोजन ग्रहण किया जाता है. ऐसे में छठ पर्व नहाय-खाय से शुरू हो जाता है. इस दिन गंगाजल का इस्तेमाल कर प्रसाद बनाया जाता है. इसमें लोग लौकी की सब्जी, चने की दाल और सेंधा नमक का उपयोग करते हैं.
धार्मिक मान्यता के अनुसार छठी माता को सूर्य देवता की बहन माना जाता है. छठ पर्व में सूर्य भगवान की उपासना करने से छठ माता प्रसन्न होती हैं और घर-परिवार में सुख-शांति और संपन्नता प्रदान करती हैं. इस बार शुक्रवार को छठ पर्व पर सूर्य देव को अर्घ दिया जायेगा. इस दिन सूर्यास्त शाम को 5:31 बजे होगा. शनिवार की सुबह उगते सूर्य का अर्घ का समय 6:48 रहेगा.
दीघा पाटीपुल घाट से सटे गेट नंबर 93 घाट से लेकर महेंद्रू घाट तक गंगा तट पर जाने के लिए पटना-दानापुर रोड (अशोक राजपथ) एक से डेढ़ किलोमीटर चलना होगा. कालीघाट, वंशी घाट, कृष्णा घाट, एनआइटी घाट से पूरब की ओर बढ़ने पर तमाम घाटों पर गंगा का पानी करीब में मिल जायेगा. इसके साथ ही पाटीपुल घाट से पश्चिम की ओर बढ़ने पर तमाम घाट किनारे गंगा का जल मिल जायेगा. लाइट लगाने, चेंजिंग रूम बनाने, वाच टावर बनाने का कार्य अंतिम चरण में है.
इस घाट पर गंगा सटी हुई हैं, लेकिन ढलान काफी है. जिसके कारण छठव्रती को परेशानी हो सकती है. लेकिन परेशानी को दूर करने के लिए बालू के बोरे को रख कर ढलान को कम किया जा रहा है. इसके साथ ही गंदगी की साफ-सफाई जारी है.
ये दोनों घाट काफी सटे हुए हैं और काफी बड़े हैं. इन दोनों ही घाटों तक पहुंचने के लिए सड़क बनाने का कार्य हो चुका है और लाइट लगाने, वाच टावर बनाने का कार्य अंतिम चरण में है. गेट नंबर 93 के घाट का कुछ हिस्सा अभी भी दलदल की स्थिति में है, जहां मिट्टी भराव का कार्य जारी है.
इस घाट पर छठ पर्व करने की इजाजत नहीं दी गयी है. इसकी घेराबंदी कर दी गयी है, ताकि आम लोग उधर नहीं जा सके. पटना नगर निगम के टैंकर इस घाट से गंगा जल लेकर लोगों को वितरित कर रहे हैं.
इस घाट पर भी आवश्यक जरूरत को पूरा किया जा रहा है. यहां भी घाट के ढलान को कम किया जा रहा है और जगह-जगह पर मिट्टी भराई का काम जारी है.
इस घाट पर गंगा तट पर जाने के लिए करीब 1.5 किलोमीटर जाना होगा. इसके लिए पहले से ही रास्ता बना था लेकिन गंदगी काफी थी. गंदगी काे साफ करने का कार्य लगभग पूरा हो चुका है और जहां सड़क गड़बड़ थी, वहां मिट्टी भराई कर सही कर दिया गया है.
इस घाट के गंगा तट पर जाने के लिए 2.5 किलोमीटर जाना पड़ेगा. प्रशासन ने सड़क बना दिया गया है और लाइट लगाने का कार्य भी बुधवार तक पूरा कर दिया जायेगा.
एनआइटी, लॉ कॉलेज घाट से पूरब के तमाम घाटों पर गंगा का पानी साफ है. नहाय-खाय के दिन छठव्रती वहां से गंगा जल ले सकते हैं. कालीघाट, वंशी घाट, कृष्णा घाट पर गंगा तट पर है, लेकिन पानी साफ नहीं है. इसके अलावे पाटीपुल, गेट नंबर 93 घाट, राजापुर पुल घाट आदि में भी पानी साफ है.
Posted by Ashish Jha